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एथेंस: पाकिस्तान-तुर्की (Pakistan-Turkey) गठजोड़ के खिलाफ भारत (India) ने ग्रीस (Greece) के साथ रक्षा संबंधों को मजबूत करने की तैयारी शुरू कर दी है. इसी के तहत हाल ही में दोनों देशों के बीच बातचीत हुई. दरअसल, तुर्की और पाकिस्तान लगातार एक-दूसरे के करीब आते जा रहे हैं. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) ने कश्मीर पर पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया है. इसके बदले में इमरान खान (Imran Khan) भूमध्य सागर विवाद में तुर्की के साथ खड़े होने का ऐलान कर चुके हैं. इसलिए भारत इस गठजोड़ की काट खोजने में जुट गया है और ग्रीस को करीब लाना इसी कोशिश का हिस्सा है.
‘ग्रीक सिटी टाइम्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक, 25 मई को ग्रीस के नागरिक सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय संबंध महानिदेशालय के जनरल डायरेक्टर डॉ. कॉन्स्टेंटिनो पी बालोमेनोस ने एथेंस में भारत के रक्षा अटैशे कर्नल अनुपम आशीष (Anupam Ashish) के साथ बैठक की. इस दौरान भारत और ग्रीस के बीच रक्षा संबंधों को मजबूत करने पर सहमति भी बनी है. साथ ही कई अन्य मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया.
बैठक के दौरान दोनों देशों ने मिलिट्री ट्रेनिंग पर किए जा रहे सहयोग को और बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की. इसमें भारत-ग्रीस के अलावा अन्य देशों के साथ मिलकर सैन्य अभ्यास, मिलिट्री एकेडमिक ट्रेनिंग और हाइब्रिड वॉर के खतरों से निपटना भी शामिल है. रिपोर्ट में बताया गया है कि अधिकारियों ने सुरक्षा और स्थिरता की चुनौतियों को लेकर भी चर्चा की.
रिपोर्ट के अनुसार, भारत और ग्रीस ने क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के ढांचे में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के महत्व पर बल दिया. बता दें कि तुर्की और ग्रीस में लंबे समय से विवाद चल रहा है. ऐसे में भारत का ग्रीस के करीब जाना तुर्की के लिए स्पष्ट संदेश है कि यदि उसने कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन जारी रखा, तो उसे भी परेशानी उठानी पड़ सकती है.
तुर्की और ग्रीस के बीच भूमध्य सागर के क्षेत्र में ऊर्जा के संसाधनों पर कब्जे को लेकर विवाद है. पिछले साल हालात इतने खराब हो गए थे कि युद्ध की आशंका पैदा हो गई थी. दरअसल, पूर्वी भूमध्यसागरीय में हाइड्रोकार्बन भंडार की खोज के बाद से दोनों इस पर कब्जा करना चाहते हैं. ग्रीस और यूरोपीय संघ का दावा है कि तुर्की इस क्षेत्र में अवैध रूप से ड्रिलिंग कर रहा है, लेकिन तुर्की का दावा है कि यह क्षेत्र उसके विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतर है. ग्रीस को डराने के लिए तुर्की बीच-बीच में अपनी नौसेना भी यहां भेजता रहा है.