Afghanistan ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री Shah Mahmood Qureshi को जमकर धोया, खिसियाकर हंसने को हुए मजबूर
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Afghanistan ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री Shah Mahmood Qureshi को जमकर धोया, खिसियाकर हंसने को हुए मजबूर

अफगानिस्तान (Afghanistan) में इस साल सितंबर में अमेरिका और नाटो के सैनिक वापस वापस लौटने वाले हैं. इसे देखते हुए अब पाकिस्तान वहां पर अपना मौका ढूंढने में लग गया है.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (फाइल फोटो)

काबुल: अफगानिस्तान (Afghanistan) में इस साल सितंबर में अमेरिका और नाटो के सैनिक वापस वापस लौटने वाले हैं. इसे देखते हुए पाकिस्तान (Pakistan) ने अफगानिस्तान में भारत (India) का प्रभाव कम करने के लिए कुटिल चालें चलनी शुरू कर दी हैं. 

  1. टोलो न्यूज को दिया इंटरव्यू
  2. भारत की मौजूदगी से पाकिस्तान परेशान
  3. कुरैशी नहीं दे सके रिपोर्टर का जवाब

टोलो न्यूज को दिया इंटरव्यू

अफगानिस्तान के समाचार चैनल टोलो न्यूज के साथ पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) का इंटरव्यू वायरल हो रहा है. जिसमें वे अफगानिस्तान में भारत की भूमिका को खतरनाक बताते हुए अपनी कार्रवाईयों को जायज ठहराने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि इसी इंटरव्यू में वे कई बार भारत, तालिबान और आतंकवाद से जुड़े सवालों पर घिरे तो हंसकर सवालों को टालते भी दिखे.

भारत की मौजूदगी से पाकिस्तान परेशान

टोलो न्यूज ने इस इंटरव्यू के कई क्लिप्स ट्विटर पर शेयर किए हैं. लोतफुल्ला नजफिजादा ने पूछा कि क्या आपको अफगानिस्तान में भारत (India) की मौजूदगी परेशान करती है? इस पर कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) ने कहा कि अगर अफगानिस्तान की जमीन का प्रयोग पाकिस्तान के खिलाफ होगा तो ठीक नहीं है. इस पर रिपोर्टर ने पूछा कि क्या भारत ने ऐसा किया है तो क़ुरैशी कुछ जवाब नहीं दे पाए और मुस्कराकर बात को टालने की कोशिश की.  

रिपोर्टर ने पूछा कि अगर अफगानिस्तान और भारत में अच्छे रिश्ते हैं पाकिस्तान (Pakistan) को क्या दिक्कत है. इस पर भी पाकिस्तानी विदेश मंत्री कोई ठोस जवाब नहीं दे पाए. इसके बाद रिपोर्टर ने सवाल किया कि अफगानिस्तान में भारत (India) के कितने वाणिज्य दूतावास हैं? इस पर कुरैशी ने कहा कि आधिकारिक तौर पर तो चार हैं मगर अनाधिकारिक रूप से कितने हैं, यह अफगानिस्तान को बताना चाहिए. 

कुरैशी नहीं दे सके रिपोर्टर का जवाब

रिपोर्टर ने पूछा कि अगर अफगानिस्तान (Afghanistan) और भारत में अच्छे रिश्ते हैं तो पाकिस्तान (Pakistan) को क्या दिक्कत है. इस पर भी पाकिस्तानी विदेश मंत्री कोई ठोस जवाब नहीं दे पाए. इसके बाद रिपोर्टर ने सवाल किया कि अफगानिस्तान में भारत के कितने वाणिज्य दूतावास हैं? इस पर कुरैशी ने कहा कि आधिकारिक तौर पर तो चार हैं मगर अनाधिकारिक रूप से कितने हैं, यह अफगानिस्तान को बताना चाहिए. 

डूरंड लाइन को लेकर दोनों देशों में खिंचावट

टोलो न्यूज के रिपोर्टर ने पाकिस्तान-अफगानिस्तान को बांटने वाली डूरंड लाइन को लेकर कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) से सवाल पूछा. लोतफुल्ला नजफिजादा ने कहा कि क्या डूरंड लाइन को दोनों देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा मान लिया जाना चाहिए. इस पर कुरैशी कुछ पलों के लिए खामोश हो गए. फिर बोले कि आप भले इसे नहीं मानें लेकिन ये सीमा तो है ही. डूरंड लाइन इंटरनेशनल बॉर्डर है. इस पर बातचीत करने की जरूरत नहीं है. कुरैशी ने अफगानिस्तान (Afghanistan) को बिन मांगी सलाह भी दे दी कि अगर अफगानिस्तान अच्छे पड़ोसी की तरह सहअस्तित्व की भावना रखता तो इसे इंटरनेशनल बॉर्डर स्वीकार करना चाहिए. 

पाकिस्तान के तालिबान से रिश्ते

इसके बाद लोतफुल्ला नजफिजादा ने शाह महमूद कुरैशी से तालिबान को लेकर चुभता सवाल पूछा. उन्होंने पूछा कि क्या तालिबान नेता हैबतुल्लाह अखुंदजादा, मुल्ला याकूब या सिराजुद्दीन हक्कानी पाकिस्तान में नहीं हैं? इस पर क़ुरैशी एकदम से कुछ नहीं बोल पाए और कहा कि यह सवाल अफगानिस्तान की सरकार से पूछें. इस पर रिपोर्टर ने कुरैशी को टोकते हुए कहा कि इसी साल मई में तालिबान नेता शेख अब्दुल हकीम अफगानिस्तान में अपने नेताओं से मिलने आए थे. उस दौरान शेख अब्दुल हकीम ने सबके सामने कहा था कि वह पाकिस्तान से आए हैं. 

इस पर कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) मुस्कराकर रह गए. कहा कि उन्होंने संपर्क नहीं किया था, इसलिए उनको पता नहीं है. तालिबान की तरफदारी करते हुए कुरैशी ने कहा कि वह भी अफगानिस्तान में शांति चाहता है. इस पर लोतफ़ुल्लाह ने उन्हें फिर घेर लिया. उन्होंने पूछा कि आपको कैसे पता है कि तालिबान शांति चाहता है? इस पर शाह महमूद क़ुरैशी ने बात घुमाते हुए कहा कि उनसे बात होती रही है. 

अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति ने दी प्रतिक्रिया

टोलो न्यूज का यह इंटरव्यू वायरल हो रहा है. इस इंटरव्यू पर अफगानिस्तान (Afghanistan) के पहले उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने टोलो न्यूज की क्लिप को रिट्वीट करते हुए लिखा, 'शब्द तालिबान का पाकिस्तानीकरण नहीं कर सकते.' 

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बताते चलें कि अफगानिस्तान में आतंकी घटनाओं को बढ़ावा देने को लेकर अफगानिस्तान सरकार पाकिस्तान से खासी नाराज चल रही है. वहां के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने पिछले दिनों पाकिस्तान की तुलना चकलाघर से कर दी थी. जिसके बाद शाह महमूद कुरैशी ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी. 

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