कोरोना के कोहराम के बीच ट्रंप ने इस बिजनेस को खोलने की दी अनुमति, 6500 से ज्यादा वर्कर्स हो चुके हैं संक्रमित
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कोरोना के कोहराम के बीच ट्रंप ने इस बिजनेस को खोलने की दी अनुमति, 6500 से ज्यादा वर्कर्स हो चुके हैं संक्रमित

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को मांस-प्रसंस्करण संयंत्रों को खोलने की अनुमति दे दी है.

फाइल फोटो

न्‍यूयॉर्क: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को मांस-प्रसंस्करण संयंत्रों को खोलने की अनुमति दे दी है. कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप को लेकर चिंताओं  के बावजूद देश में खाद्य आपूर्ति की रक्षा के लिए ट्रम्‍प ने ये आदेश दिया.

  1. खाद्य रक्षा अधिनियम के तहत मीट प्रोसेसिंग प्‍लांट चालू रखने को कहा
  2. मीट प्रोसेसिंग कंपनियों ने उत्‍तरी अमेरिका में 20 बूचड़खानों में काम रोक दिया था 
  3. देश में खाद्य आपूर्ति की रक्षा के लिए ट्रम्‍प ने ये आदेश दिया

ट्रम्प ने रक्षा उत्पादन अधिनियम का उपयोग कर भोजन की कमी और सप्‍लाई चैन में आ रही रूकावटों को देखते हुए एक कार्यकारी आदेश जारी किया कि प्‍लांट्स काम करना जारी रखें. यह आदेश कंपनियों को और वहां काम करने के लिए जाने वाले कर्मचारियों को संरक्षण का भरोसा भी दिलाता है. 

मंगलवार शाम को जारी किए गए इस कार्यकारी आदेश में कहा गया है कि सिर्फ एक बड़े बीफ-प्रोसेसिंग प्लांट को बंद करने से एक दिन में करीब 10 मिलियन लोगों को सर्व करने लायक बीफ की कमी हो सकती है.

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स्मिथफील्ड फूड्स इंक, कारगिल इंक, जेबीएस यूएसए (जेबीएस.यूएल) और टायसन सहित दुनिया की सबसे बड़ी मांस कंपनियों ने उत्तरी अमेरिका में लगभग 20 बूचड़खानों और प्रसंस्करण संयंत्रों में श्रमिकों के बीमार पड़ने के बाद काम रोक दिया है. इससे मीट की कमी की आशंका बढ़ जाती है.

हालांकि यूनियंस इस निर्णय से प्रभावित नहीं थे. कुछ किसानों ने कहा कि अब बहुत देर हो चुकी थी क्योंकि सुअर के बाजार में जाने के बजाय पहले से सुअरों को मार दिया गया था.

अमेरिकी कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिकी मांस कंपनियों ने मंगलवार को अनुमानित 283,000 सुअरों को काटा जो कि क्योंकि महामारी के कारण प्‍लांट्स  बंद होने से पहले से 43% कम था. वहीं प्रोसेसर्स ने पहले से लगभग 38% कम 76,000 मवेशियों को काटा.

हालांकि, आलोचकों का कहना है कि बूचड़खाने तब बंद कर दिए गए थे, जब मीट और फूड प्रोसेसिंग के 6,500 से अधिक श्रमिकों में कोरोना वायरस संक्रमण सामने आया था और इनमें से 20 की मृत्यु हो चुकी थी. 

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