तुर्की में मिला डायनासोर के जमाने का संगमरमर, 'बिस्मिल्लाह' लिखा देख चौंक गए लोग
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तुर्की में मिला डायनासोर के जमाने का संगमरमर, 'बिस्मिल्लाह' लिखा देख चौंक गए लोग

तुर्की में खुदाई के दौरान एक संगमरमर मिला है, जो तकरीबन 19.5 करोड़ साल पुराना है. इस पत्थर पर बिस्मिल्लाह लिखा दिखाई दे रहा है. माना जा रहा है कि संगमरमर पर बिस्मिल्लाह प्राकृतिक रूप से चित्रित हुआ है. 

फोटो: ANADOLU AGENCY

अंकारा: तुर्की (Turkey) में एक खदान से बेहद पुराना संगमरमर पत्थर मिला है, जिस पर बिस्मिल्लाह (Bismillah) लिखा हुआ है. ये खदान भूमध्यसागरीय प्रांत अंताल्या में स्थित है. बताया जा रहा है कि संगमरमर पर बिस्मिल्लाह प्राकृतिक रूप से बना है. इस संगमरमर पत्थर को 19.5 करोड़ साल पुराना कहा जा रहा है, उस समय धरती पर डायनासोर (Dinosaur) जीवित थे.

  1. खुदाई के दौरान श्रमिकों को मिला
  2. विश्लेषण में सामने आई दिलचस्प बात
  3. डायनासोर के समय का है पत्थर

धूल हटाते ही आया नजर

तुर्की की सरकारी समाचार एजेंसी Anadolu Agency की रिपोर्ट में बताया गया है कि ये दुर्लभ खोज अंताल्या कोर्कुटेली जिले के तस्सीगी गांव में अंताल्या मार्बल इंडस्ट्री एंड ट्रेड कंपनी के मार्बल बिजनेस एरिया में की गई है. खुदाई करने वाले श्रमिकों ने संगमरमर पर जमा जब धूल को जब हटाया तो उन्हें लगा जैसे संगमरमर के स्लैब पर अरबी अक्षरों में 'बिस्मिल्लाह' लिखा हुआ है. इसके बाद संगमरमर को विश्लेषण के लिए तुर्की के दक्षिण-पश्चिमी इस्पार्टा प्रांत स्थित सुलेमान डेमिरल विश्वविद्यालय भेजा गया.

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पत्थर पर जीवों के अवशेष मौजूद

वैज्ञानिक फुजुली यागमुर्लु, रसित अल्टिंडाग और नाजमी सेनगुन ने संगमरमर का गहराई से अध्ययन किया और अपने विश्लेषण में उन्होंने एक दिलचस्प बात कही. उन्होंने बताया कि संगमरमर संभवतः 19.5 करोड़ साल पुराना है और माना जा रहा है कि उस पर बिस्मिल्लाह प्राकृतिक रूप से चित्रित हुआ है. वैज्ञानिकों ने अपने विश्लेषण में पाया कि संगमरमर के डोलोमिटिक पत्थर में 19.5 करोड़ साल पहले के जीवों के अवशेष मौजूद हैं. इस दौरान जुरासिक डायनासोर पृथ्वी पर रहते थे और उसी समय के जीवाश्म संगमरमर में मिले हैं. 

इस तरह बना होगा ‘बिस्मिल्लाह’

अध्ययन के दौरान ये भी देखा गया कि ये अवशेष संगमरमर स्लैब के एक हिस्से में ही थे. वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि संगमरमर के स्लैब पर बिस्मिल्लाह का लिखा जाना पूरी तरह से प्राकृतिक प्रक्रिया थी. समय के साथ संगमरमर के स्लैब पर दिल के आकार के शंख के अवशेषों के टूटने और नष्ट होने की वजह से ये आकृति बनी होगी. तुर्की की अक्डेनिज यूनिवर्सिटी फैकल्टी ऑफ थियोलॉजी के डीन अहमत ओगके द्वारा पेश की गई एक वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार, संगमरमर पर अरबी की आकृतियां बिस्मिल्लाह के जैसी हैं जिनका उल्लेख कुरान में किया गया है. 

 

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