तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) जहां इस्लामिक आतंकवाद पर कार्रवाई को लेकर फ्रांस को धमकी दे चुके हैं. वहीं, कुछ दिनों पूर्व उन्होंने गैस विवाद को लेकर यूरोपीय यूनियन और ग्रीस को भी धमकी दी थी.
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ब्रुसेल्स: इस्लामिक आतंकवाद पर कार्रवाई के लिए फ्रांस (France) को धमकी देना तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) को बहुत भारी पड़ने वाला है. यूरोपीय यूनियन (EU) के देश भूमध्य सागर क्षेत्र में मौजूद गैसों के उत्खनन विवाद को लेकर तुर्की के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहे हैं. भले ही यह कार्रवाई गैस विवाद को लेकर हो, लेकिन इसके पीछे तुर्की के फ्रांस विरोधी रुख को देखा जा रहा है.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) द्वारा इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ छेड़े गए अभियान से तुर्की बौखला गया है. हाल ही में उसके राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) ने मैक्रों पर हमला बोलते हुए उन्हें ‘मुसीबत’ करार दिया था. अब अपनी फ्रांस विरोधी बयानबाजी के चलते एर्दोगन खुद मुसीबत में पड़ने जा रहे हैं. यूरोपीय देशों के विदेश मंत्रियों ने सोमवार को प्रतिबंधों के प्रभाव को लेकर एक बैठक की है और माना जा रहा है कि 10 दिसंबर को तुर्की के खिलाफ नए प्रतिबंधों का ऐलान किया जा सकता है.
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नरम पड़े तेवर
यूरोपीय यूनियन के इस रुख से तुर्की के राष्ट्रपति के तेवर नरम पड़ते दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने भूमध्य सागर में गैस क्षेत्रों को लेकर मौजूदा विवाद को हल करने के लिए बातचीत की पेशकश की है. हालांकि, साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि तुर्की खतरों और ब्लैकमेल करने वालों के आगे नहीं झुकेगा. मालूम हो कि इस क्षेत्र में गैस को लेकर तुर्की और ग्रीस के बीच तनाव चरम पर है. यहां दोनों देशों की सेनाएं भी आमने-सामने हैं.
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ग्रीस के विदेश मंत्री निकोस डेंडियास ने जानकारी देते हुए बताया कि यूरोपीय यूनियन के सभी देश इस पर सहमत हैं कि तुर्की ने पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र में गैस की खोज की अपनी नीति में कोई सकारात्मक बदलाव नहीं किया है. लिहाजा तुर्की के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि इसे लेकर अब यूरोपीय काउंसिल की अगली बैठक में भी चर्चा की जाएगी.
EU को दी थी धमकी
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन जहां इस्लामिक आतंकवाद पर कार्रवाई को लेकर फ्रांस को धमकी दे चुके हैं. वहीं, कुछ दिनों पूर्व उन्होंने गैस विवाद को लेकर यूरोपीय यूनियन को चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था कि हम हर संभावना और परिणाम के लिए तैयार हैं. इससे पहले एर्दोगन ने ग्रीस को धमकी देते हुए कहा था कि यदि हमारे जहाज पर हमला बोला गया तो इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. अब उन्हें अपनी इन्हीं धमकियों का खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
पिछले कुछ महीने से तुर्की का समुद्री तेल खोजी शिप ग्रीस के द्वीप के करीब शोध गतिविधि को अंजाम दे रहा है. ग्रीस का दावा है कि तुर्की का शिप उसके जलक्षेत्र में संचालन कर रहा है. जबकि, तुर्की ने ग्रीस के दावे को नकारते हुए उस समुद्री हिस्से को अपना बताया है. ग्रीस की सहायता के लिए विवादित क्षेत्र के पास फ्रांस ने भी अपनी नौसेना को तैनात कर दिया है, जिससे माहौल और गर्मा गया है. विवाद की असल जड़ पूर्वी भूमध्यसागर क्षेत्र में साढ़े तीन ट्रिलियन क्यूबिक मीटर (TCM) गैस है.