कोरोना के Delta variant ने फिर बढ़ाई टेंशन, Britain समेत कई देशों ने दिखाई सख्ती
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कोरोना के Delta variant ने फिर बढ़ाई टेंशन, Britain समेत कई देशों ने दिखाई सख्ती

बोरिस जॉनसन ने कहा कि कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के चलते संक्रमण के मामलों और अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी से चिंता और बढ़ गई है. प्रधानमंत्री की इस घोषणा के साथ ही अब 'फ्रीडम डे' 19 जुलाई को मनाया जाएगा जो कि लॉकडाउन खत्म होने की खुशी में मनाया जाना है.

फाइल फोटो: (AP)

नई दिल्ली: कोरोना के नए डेल्टा वेरिएंट मिलने के बाद दुनिया के कई देश चिंतित हैं. लॉकडाउन खोलने की ओर बढ़ रहे इन देशों में फिर से पाबंदियां लागू कर दी गई है. हालांकि अब तो कोरोना के खतरनाक डेल्टा वेरिएंट का भी म्यूटेशन हो चुका है और अब ये डेल्टा प्लस या एवाई.1 में तब्दील हो गया है. इस डेल्टा वेरिएंट को तेजी से संक्रमण फैलाने वाला बताया गया है. 

  1. ब्रिटेन में लागू रहेगा लॉकडाउन
  2. डेल्टा वेरिएंट से चिंतित दुनिया
  3. चीन में भी बढ़ाई गई सख्ती

ब्रिटेन में लागू रहेगा लॉकडाउन

इस नए वेरिएंट के आने के बाद ब्रिटेन में लॉकडाउन को हटाने का फैसला फिलहाल के लिए टाल दिया गया है. प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सोमवार को लॉकडाउन संबंधी सभी पाबंदियों को खत्म करने की मियाद चार सप्ताह और टालते हुए इसे 19 जुलाई तक बढ़ा दिया. इससे पहले यह पाबंदियां 21 जून को खत्म होने जा रही थीं.

जॉनसन ने कहा कि कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के चलते संक्रमण के मामलों और अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी से चिंता और बढ़ गई है. प्रधानमंत्री की इस घोषणा के साथ ही अब 'फ्रीडम डे' 19 जुलाई को मनाया जाएगा जो कि लॉकडाउन खत्म होने की खुशी में मनाया जाना है.

चीन ने बढ़ाई सख्ती

इसी तरह चीन के दक्षिणी प्रांत ग्वानझोउ में कोरोना के इस नए वेरिएंट के बढ़ते मामलों के मद्देनजर लोगों को घरों में ही रखने के लिए कम से कम 60 ड्रोन तैनात किए गए हैं. चीन में संक्रमण के मामले मुख्य तौर पर कम हो गए हैं, लेकिन ग्वानझोउ में संक्रमण के नए मामले बढ़ रहे हैं. ग्वानझोउ में पिछले 24 घंटे में छह नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या 100 के पार चली गई है. ये सभी मामले 21 मई के बाद से सामने आए हैं.

ग्वानझोउ में सामने आया संक्रमण का डेल्टा है, जो सबसे पहले भारत में सामने आया था, और बेहद संक्रामक है. ग्वांगझोउ की सीमाएं भी अब बंद कर दी गई हैं. रेस्तरां में बैठकर खाने पर भी रोक लगा दी गई है. सिनेमा घर, थिएटर, नाइट क्लब और बंद स्थानों पर होने वाली अन्य गतिविधियों को बंद करने का आदेश दिया गया है.

जिम्बाब्वे में भी 12 जून को डेल्टा वेरिएंट का केस सामने आने के बाद कुछ इलाकों में लॉकडाउन दो हफ्ते के लिए बढ़ाने का ऐलान हुआ है. इसी तरह श्रीलंका जैसे छोटे देश पर भी इसका असर पड़ा है और यहां 8 मई को डेल्टा का पहला केस सामने आया था, जिसके बाद लगातार कोरोना के मामले में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

WHO ने दी चेतावनी

विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) के यूरोप निदेशक ने भी लॉकडाउन खोलने जा रहे देशों को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि इन हालात में वेरिएंट का खतरा बढ़ सकता है क्योंकि कई देश प्रतिबंधों में ढील देने की तैयारी कर रहे हैं और अधिक सामाजिक कार्यक्रमों और सीमा पार यात्राओं की अनुमति दे रहे हैं.

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WHO के डॉ. हंस क्लूगे ने कहा कि डेल्टा वेरिएंट पर कुछ टीकों के प्रभावी नहीं होने के भी लक्षण हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि आबादी का कुछ हिस्सा खासकर 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में अब भी टीका नहीं लगा है. क्लूगे ने कहा कि कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के कारण 2020 की गर्मियों और सर्दियों में मौतें हुईं और फिर लॉकडाउन लगा था ऐसे में अब हमें फिर वही गलती नहीं दोहरानी चाहिए.

डेल्टा वेरिएंट की बात करें तो, यह उन लोगों को संक्रमित कर सकता है जिन्हें कोरोना वैक्सीन की आधी खुराक मिली है और यही वजह है कि यह हावी हो रहा है. पब्लिक हैल्थ इंग्लैंड के मुताबिक जिन लोगों को फाइजर के टीके की दोनों खुराक मिल चुकी हैं उनका इससे बचाव 88 फीसदी तक हो सकता है लेकिन जिन्हें फाइजर या एस्ट्राजेनेका टीके की एक ही खुराक मिली है उनका केवल 33.5 तक ही बचाव हो सकेगा.

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