शांति सम्मेलन के 'तीर' से रुक जाएगा पुतिन का तांडव? बाइडेन-शी को लेकर क्या है जेलेंस्की का प्लान
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शांति सम्मेलन के 'तीर' से रुक जाएगा पुतिन का तांडव? बाइडेन-शी को लेकर क्या है जेलेंस्की का प्लान

Russia-Ukraine War:   हाल के हफ्तों में व्लादिमीर पुतिन के देश ने युद्ध के मैदान में आक्रामकता बढ़ा दी है और रूस की वायुसेना ने कई शहरों में एयर स्ट्राइक की हैं. यूक्रेन को उम्मीद है कि जून के महीने में स्विट्जरलैंड में होने वाले शांति सम्मेलन के कारण व्लादिमीर पुतिन पर अंतरराष्ट्रीय दबाव पड़ेगा.    

शांति सम्मेलन के 'तीर' से रुक जाएगा पुतिन का तांडव? बाइडेन-शी को लेकर क्या है जेलेंस्की का प्लान

Zelenskyy News: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने अमेरिका के राष्ट्रपति और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से रविवार को शांति सम्मेलन में शामिल होने की अपील की है. जेलेंस्की की यह गुजारिश ऐसे समय पर आई है, जब उनके देश और रूस की जंग को 27 महीने हो चुके हैं. 

हाल के हफ्तों में व्लादिमीर पुतिन के देश ने युद्ध के मैदान में आक्रामकता बढ़ा दी है और रूस की वायुसेना ने कई शहरों में एयर स्ट्राइक की हैं. यूक्रेन को उम्मीद है कि जून के महीने में स्विट्जरलैंड में होने वाले शांति सम्मेलन के कारण व्लादिमीर पुतिन पर अंतरराष्ट्रीय दबाव पड़ेगा.

शी-बाइडेन से जेलेंस्की की अपील

रूस की गुरुवार को एयर स्ट्राइक में प्रिंटिग प्रेस तबाह हो गई थी. इसी में अंग्रेजी में जेलेंस्की ने एक वीडियो रिकॉर्ड की, जिसमें उन्होंने कहा कि शांति सम्मेलन से दुनिया को यह मालूम चलेगा कि वाकई में कौन जंग खत्म करना चाहता है. जेलेंस्की ने कहा, 'मैं दुनिया के नेताओं से अपील करना चाहता हूं, जो पूरी दुनिया में शांति के पक्षधर हैं-अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग. '   

रूस बोला-हमें नहीं मिला न्योता

यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा, 'अपनी लीडरशिप का इस्तेमाल शांति लाने में कीजिए. सिर्फ हमलों को रोकने में नहीं.' वहीं रूस का कहना है कि उसे इस कॉन्फ्रेंस का कोई मकसद नजर नहीं आता क्योंकि इसके लिए उसे न्योता नहीं दिया गया है. जेलेंस्की का बयान ऐसे समय पर आया है, जब दो दिन पहले रूस के सूत्रों ने रॉयटर्स से कहा था कि पुतिन यूक्रेन में जंग रोकने और सीजफायर पर बात करने को तैयार हैं. जेलेंस्की और यूक्रेन के समर्थकों का कहना है कि सीजफायर से सिर्फ रूस को दोबारा हथियार जुटाने और उसकी सेना को संगठित होने का मौका मिलेगा. 

बीते कुछ महीनों में देखें तो रूस ने धीमी लेकिन ईस्टर्न फ्रंट में तेज से अपनी धमक बढ़ाई है. अब वह नॉर्थ ईस्टर्न खासकीव क्षेत्र में अंदर तक घुसने की कोशिश कर रहा है. इसी महीने की शुरुआत से उसने जमीनी लड़ाई तेज कर दी है.  

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