China-US: चीन-ताइवान टेंशन के बीच अमेरिकी और चीनी रक्षा मंत्री की होगी मुलाकात, पेंटागन की बड़ी घोषणा
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China-US: चीन-ताइवान टेंशन के बीच अमेरिकी और चीनी रक्षा मंत्री की होगी मुलाकात, पेंटागन की बड़ी घोषणा

China-Taiwan Tension: चीन और अमेरिकी रक्षा मंत्रियों के बीच मुलाकात की घोषणआ ऐसे समय में की गई है जब चीन ने ताइवान को चारों तरफ से घेर कर एक युद्द अभ्यास किया है.

China-US: चीन-ताइवान टेंशन के बीच अमेरिकी और चीनी रक्षा मंत्री की होगी मुलाकात, पेंटागन की बड़ी घोषणा

China-US Relations: पेंटागन ने शुक्रवार को घोषणा की कि अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन (Lloyd Austin) अपने चीनी समकक्ष के साथ मुलाकात करेंगे. ये घोषणा ऐसे समय में की गई है जब चीन ने ताइवान को चारों तरफ से घेर कर एक युद्द अभ्यास किया है.

द बिजनेस टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पेंटागन ने कहा कि ऑस्टिन चीनी एडमिरल डोंग जून (Dong Jun) से तब मिलेंगे जब वे 31 मई से 2 जून तक शांगरी-ला डायलॉग में भाग लेंगे. यह दुनिया भर के रक्षा अधिकारियों की एक वार्षिक सभा है.

ऑस्टिन की डोंग के साथ बैठक की व्यापक रूप से उम्मीद की जा रही थी क्योंकि अप्रैल में ऑस्टिन ने टेलीफोन पर डोंग से बात की थी. यह लगभग 18 महीनों में दोनों शक्तियों के रक्षा प्रमुखों के बीच पहली ठोस बातचीत थी. बता दें अमेरिका और चीन तनाव को कम करने के लिए संचार बढ़ा रहे हैं. राज्य सचिव एंटनी ब्लिंकन ने पिछले महीने बीजिंग और शंघाई का दौरा किया था.

ताइवान राष्ट्रपति के बयान से चिढ़ा चीन
पीटीआई-भाषा चीन का कहना है कि उसकी सेनाओं ने ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते की टिप्पणी के जवाब में स्वशासित द्वीप के आसपास बड़े पैमाने पर अभ्यास किया. चिंग ते ने ताइवान पर चीन की संप्रभुता के दावों को खारिज कर दिया था.

'कब्जे और नियंत्रण का अभ्यास किया'
पीएलए की पूर्वी थियेटर कमान के प्रवक्ता ली शी ने कहा कि सेना, नौसेना, वायु सेना और रॉकेट बलों की संयुक्त सेनाओं ने दो दिवसीय अभ्यास के समापन के दिन क्षेत्र पर नियंत्रण और कब्जे के अभ्यास पर ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने कहा, ‘युद्ध के मैदान पर संयुक्त रूप से नियंत्रण करने, संयुक्त हमले शुरू करने और महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर नियंत्रण हासिल करने के लिए कमान की क्षमताओं का परीक्षण करने के वास्ते द्वीप समूह के अंदर और बाहर एकीकृत अभियान शुरू किया गया.’

गौरतलब है कि चीन ताइवान पर अपने क्षेत्र के रूप में दावा करता है. बीजिंग का कहना है कि वह एक दिन ताइवान को चीन में मिला लेगा भले ही इसके लिए ताकत का उपयोग करना पड़े.

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