India-Russia Relations: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार रात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपने सरकारी आवास ‘नोवो-ओगरियोवो’ पर एक ‘निजी मुलाकात’ के तहत स्वागत किया.
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Russia Ukraine War: पीएम मोदी के रूस दौरे पर अमेरिकी की गहरी नजर बनाए हुए हैं. वाशिंगटन ने सोमवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता पर जोर देने की अपील की. बता दें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार रात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपने सरकारी आवास ‘नोवो-ओगरियोवो’ पर एक ‘निजी मुलाकात’ के तहत स्वागत किया.
विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने संवाददाताओं से कहा, 'हम भारत से अपील करेंगे, जैसा कि हम रूस के साथ बातचीत करने वाले किसी भी देश से करते हैं, कि वह स्पष्ट करे कि यूक्रेन में संघर्ष का कोई भी समाधान ऐसा होना चाहिए जो यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता, यूक्रेन की संप्रभुता के संबंध में संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करता हो.'
मिलर ने कहा, 'भारत एक रणनीतिक साझेदार है जिसके साथ हम पूर्ण और स्पष्ट वार्ता करते हैं और इसमें रूस के साथ संबंधों के बारे में हमारी चिंताएं भी शामिल हैं.' हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें पीएम मोदी की रूस यात्रा के बारे में भारत के साथ हुई विशेष बातचीत के बारे में जानकारी नहीं है.
भारत के रूस और अमेरिका के साथ गहरे रिश्ते
बता दें भारत के अमेरिका और रूस दोनों के साथ ही गहरे संबंध हैं. चीन के उदय के मद्देनजर इसे एक शक्तिशाली साझेदार के रूप में देखते हुए, राष्ट्रपति जो बिडेन ने एक साल पहले पीएम मोदी को राजकीय यात्रा के लिए आमंत्रित किया था.
वहीं भारत का मास्को के साथ शीत युद्ध के समय से ही पुराना रिश्ता रहा है. भारत ने यूक्रेन युद्ध को लेकर मॉस्को के खिलाफ पश्चिमी प्रतिबंधों में शामिल होने से इनकार कर दिया है, इसके बजाय रियायती ऊर्जा आयात के लिए रूस की ओर रुख किया है.
मंगलवार को होगी भारत-रूस शिखर वार्ता
रूस यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद यह पीएम मोदी की पहली रूस यात्रा है. प्रधानमंत्री मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मंगलवार को शिखर वार्ता करेंगे. इस यात्रा को व्यापक भू-राजनीतिक संदर्भ और संकेत के रूप में देखा जा रहा है.
मॉस्को पहुंचने के तुरंत बाद मोदी ने कहा कि वह भविष्य के क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को और प्रगाढ़ करने के लिए उत्सुक हैं और भारत और रूस के बीच मजबूत संबंधों से ‘हमारे लोगों को बहुत लाभ होगा.’ प्रधानमंत्री ने अपने प्रस्थान वक्तव्य में कहा कि भारत शांतिपूर्ण और स्थिर क्षेत्र के लिए ‘सहायक भूमिका’ निभाना चाहता है.
(File photo-PIB)