US: गन कल्‍चर के खिलाफ उठ रही थीं आवाजें, सुप्रीम कोर्ट के 1 फैसले ने किया सबको खामोश
Advertisement
trendingNow11231054

US: गन कल्‍चर के खिलाफ उठ रही थीं आवाजें, सुप्रीम कोर्ट के 1 फैसले ने किया सबको खामोश

US Supreme Court: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला सुनाया. हालांकि इस फैसले ने देश में गन कल्चर को खत्म करने की कोशिश में लगे लोगों को काफी निराश किया है. दरअसल, कोर्ट ने न्यूयॉर्क के प्रतिबंधात्मक बंदूक कानून को रद्द कर दिया है.

यूएस सुप्रीम कोर्ट

US Supreme Court Decision on Guns: अमेरिका में पिछले कुछ महीनों में फायरिंग के बढ़ते मामलों और उससे होने वाली मौतों से परेशान सरकार और आम लोगों की चिंता अदालत के एक फैसले ने और बढ़ा दी है. दरअसल, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को न्यूयॉर्क के प्रतिबंधात्मक बंदूक कानून को रद्द कर दिया. एक्सपर्ट का कहना है कि इस फैसले से असमाजिक तत्व एक बार फिर से बेरोकटोक होकर बंदूक रखेंगे और फायरिंग करेंगे. आम लोगों की सुरक्षा के लिहाज से यह सही फैसला नहीं है.

क्या है अदालत का फैसला

इस मामले में सुनवाई के बाद फैसला 6-3 से आया. आसान शब्दों में कहें तो 6 जज इस कानून को रद्द करने के पक्ष में रहे, जबकि 3 जज इसके सपोर्ट में रहे. बहुमत की वजह कानून को रद्द करने का फैसला सुनाया गया. अब इस फैसले के बाद एक बार फिर से न्यूयॉर्क, लॉस एंजिलिस व बोस्टन समेत अमेरिका के अन्य शहरों में लोग बेरोकटोक सड़कों पर हथियार लेकर चल सकेंगे.

इसलिए यह फैसला हो सकता है खतरनाक

दरअसल, इस फैसले के विरोध में अमेरिका में खूब आवाज उठ रही है. लोग और कई सुरक्षा विशेषज्ञ इसे सेफ्टी के लिहाज से खतरनाक बता रहे हैं. इसके पीछे वजह ये है कि, अमेरिका की एक चौथाई आबादी उन राज्यों में रहती है जहां यह व्यवस्था प्रभावी होगी. पिछले कुछ महीनों में फायरिंग के मामले काफी बढ़े हैं. इनमें कई बेगुनाहों की मौत हो चुकी है. यह फैसला ऐसे लोगों में खौफ की जगह और आजादी देगा. अदालत का यह फैसला ऐसे समय आया है, जब टेक्सास, न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया में हाल ही में हुई सामूहिक गोलीबारी के बाद कांग्रेस हथियार कानून पर सक्रियता से काम कर रही है.

न्यूयॉर्क के कानून को रद्द करते हुए अदालत ने क्या कहा

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि, अमेरिकियों को आत्मरक्षा के लिए सार्वजनिक रूप से आग्नेयास्त्र रखने का अधिकार है. लोगों को इस अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है.

Trending news