दूसरे विश्व युद्ध के 80 साल बाद जापान में पहली बार फटा अमेरिकी बम, 80 से ज्यादा...
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दूसरे विश्व युद्ध के 80 साल बाद जापान में पहली बार फटा अमेरिकी बम, 80 से ज्यादा...

Japanese airport explosion: दूसरे विश्व युद्ध को खत्म हुए करीब 80 साल हो चुके हैं. लेकिन उसी दौर का बम जब जापान में फटा तो टोक्यो से लेकर टेक्सास तक हड़कंर मच गया. आपको बताते चलें कि ये पहला मौका था, जब परमाणु त्रासदी के बाद अमेरिका का कोई बम जापान में फटा हो.

दूसरे विश्व युद्ध के 80 साल बाद जापान में पहली बार फटा अमेरिकी बम, 80 से ज्यादा...

WWII bomb blast at miyazaki airport japan : जापान में हर कोई परमाणु त्रासदी वाले दौर की चर्चा कर रहा है. इसकी वजह वो बम है जिसके फटते ही जापानियों की धुकधुकी बढ़ गई. दरअसल इस बम की मेनुफेक्चरिंग की तारीख और साल लगभग वही है जब अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर एटम बम डाल कर मानो पूरा देश ही खत्म करने का मन बना लिया था.

फटा बम बन गई खाई

द्वितीय विश्व युद्ध का ये अमेरिकी बम कुछ घंटे पहले जापानी एयरपोर्ट पर फटा, शुक्र है कि वहां आस-पास कोई फ्लाइट नहीं थी, वरना बड़ा हादसा हो जाता. इस बमकांड के चलते मियाजाकी एयरपोर्ट पर करीब 80 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं. इस खौफनाक एपिसोड में राहत की बात ये रही कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ. बस टैक्सी वे पर एक खाई बन गई. जापानी अफसरों के मुताबिक दक्षिण-पश्चिमी जापान के मियाज़ाकी हवाई अड्डे पर जब बम फटा तब आस-पास कोई विमान नहीं था.

500 पाउंड वजनी...

अधिकारियों ने कहा, 'जांच में पुष्टि हुई है कि जापान के गांव में जो बम फटा उसका वजन करीब 500 पाउंड था. उसमें कोई रेडिएशन नहीं था. ऐसे में अब कोई खतरा नहीं है. अब हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि अचानक धमाके की वजह क्या है? इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ है. जापानी टेलीविजन पर प्रसारित VIDEO में टैक्सीवे में कथित तौर पर करीब सात मीटर व्यास और तीन फीट गहरा गड्ढा दिखाया गया.  कहा जा रहा है कि हवाई अड्डे पर फ्लाइट्स का संचालन गुरुवार दोपहर तक शुरू होने की उम्मीद है.

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एयरपोर्ट का इतिहास

CNN में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक मियाजाकी हवाई अड्डा 1943 में नौसेना उड़ान प्रशिक्षण क्षेत्र के रूप में बनाया गया था, जहां से कई पायलटों ने अमेरिकी फौज को निपटाने के लिए उड़ान भरी थी. यहां से कुछ पायलटों ने ने आत्मघाती हमले के लिए भी उड़ान भरी थी. इस पूरे इलाके में जहां एयरपोर्ट बना है, वहां दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना द्वारा गिराए गए कई जिंदा बमों का पता चला है. अब पूरा जापानी इकोसिस्टम ऐसा इंतजाम करने में जुटा है कि दोबारा कभी ऐसा न हो.

जानकारों  का मानना है कि अमेरिका में बम ये बम इतना खतरनाक था कि 80 साल पहले परमाणु त्रासदी के समय फटता तो इस विध्वंस की तीव्रता कई गुना ज्यादा होती. यह पूरे गांव की जमीन उलटकर रख देता. लंबे समय तक धरती की गोद में दबे होने के बावजूद इसके धमाके से तेज आवाज हुई तो कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई.

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