Miyazaki Airport Japan: बम फटा जापान में, अमेरिका तक सुनाई दी गूंज; वैज्ञानिक भी फेल?
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Miyazaki Airport Japan: बम फटा जापान में, अमेरिका तक सुनाई दी गूंज; वैज्ञानिक भी फेल?

Japan news: जापान में जब 250 किलो का बम फटा तो दुनियाभर में हड़कंप मच गया. क्यों हुआ ऐसा आइए बताते हैं?

Miyazaki Airport Japan: बम फटा जापान में, अमेरिका तक सुनाई दी गूंज; वैज्ञानिक भी फेल?

WWII bomb blast at miyazaki airport japan : जापान का  मियाजाकी एयरपोर्ट लगातार सुर्खियों में है. एक महीने में दूसरी बार इस एयरपोर्ट में बम की खबर सुनकर आसपास रहने वाले लोग दहशत में आ गए. हर कोई परमाणु त्रासदी वाले दौर की चर्चा करने लगा है. इसकी वजह वो बम है जिनका इस्तेमाल दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हुआ था. दो अक्टूबर वाला बम फट गया था तो खबर बनी थी और 20 अक्टूबर वाला नहीं फटा फिर भी जापानियों की धुकधुकी बढ़ गई. दरअसल इस बम की मेनुफेक्चरिंग की तारीख और साल लगभग वही है जब अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर एटम बम डाल कर मानो पूरे जापान को दुनिया के नक्शे से मिटा देने की कसम खाली थी. 

दक्षिण-पश्चिमी जापान में मियाज़ाकी हवाई अड्डे ने रविवार को यह निर्धारित करने के बाद परिचालन फिर से शुरू कर दिया कि एक चुंबकीय प्रतिक्रिया जो संभवतः टैक्सीवे के आसपास एक गैर-विस्फोटित द्वितीय विश्व युद्ध के बम की उपस्थिति का संकेत देती है, बड़ी मात्रा में लोहे की रेत के कारण हुई थी.

रविवार तड़के टैक्सीवे की खुदाई के काम से पहले जापान एयरलाइंस ने शनिवार रात अपनी कुछ उड़ानें रद्द कर दीं. एक चुंबकीय सर्वेक्षण में उस स्थान के पास जमीन से 1.6 मीटर नीचे एक वस्तु पाई गई, जहां 2 अक्टूबर को युद्धकालीन बम विस्फोट हुआ था.

फटा बम बन गई खाई

द्वितीय विश्व युद्ध का ये अमेरिकी बम कुछ घंटे पहले जापानी एयरपोर्ट पर फटा, शुक्र है कि वहां आस-पास कोई फ्लाइट नहीं थी, वरना सब मारे जाते. बमकांड के चलते मियाजाकी एयरपोर्ट पर करीब 80 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं. इस खौफनाक एपिसोड में राहत की बात ये रही कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ. बस टैक्सी वे पर एक खाई बन गई. जापानी अफसरों के मुताबिक दक्षिण-पश्चिमी जापान के मियाज़ाकी हवाई अड्डे पर जब बम फटा तब आस-पास कोई विमान नहीं था. Old School Eddie नाम के एक एक्स हैंडल से इस घटना का वीडियो पोस्ट हुआ है. Zee News इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.

500 पाउंड वजनी...

अधिकारियों ने कहा, 'जांच में पुष्टि हुई है कि जापान के गांव में जो बम फटा उसका वजन करीब 500 पाउंड था. उसमें कोई रेडिएशन नहीं था. ऐसे में अब कोई खतरा नहीं है. अब हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि अचानक धमाके की वजह क्या है? इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ है. जापानी टेलीविजन पर प्रसारित VIDEO में टैक्सीवे में कथित तौर पर करीब सात मीटर व्यास और तीन फीट गहरा गड्ढा दिखाया गया.  कहा जा रहा है कि हवाई अड्डे पर फ्लाइट्स का संचालन गुरुवार दोपहर तक शुरू होने की उम्मीद है.

वैज्ञानिक हो गए फेल?

CNN में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक मियाजाकी हवाई अड्डा 1943 में नौसेना उड़ान प्रशिक्षण क्षेत्र के रूप में बनाया गया था, जहां से कई पायलटों ने अमेरिकी फौज को निपटाने के लिए उड़ान भरी थी. यहां से कुछ पायलटों ने ने आत्मघाती हमले के लिए भी उड़ान भरी थी. इस पूरे इलाके में जहां एयरपोर्ट बना है, वहां दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना द्वारा गिराए गए कई जिंदा बमों का पता चला है. अब पूरा जापानी इकोसिस्टम ऐसा इंतजाम करने में जुटा है कि दोबारा ऐसा न हो. 

इस धमाके की गूंज भले ही एयरपोर्ट इलाके के आसपास सुनी गई हो, लेकिन उसकी आंच और धुआं खबरों के जरिए अमेरिका तक पहुंचा. यह 80 साल पुराना बम था. दूसरे विश्न युद्ध के दौरान गिराए गए बम दुनिया के कई देशों में अभी भी दबे हैं. भारत के पश्चिम बंगाल और असम में उस दौर के बम मिल चुके हैं. यह कोई नहीं बात नहीं है, लेकिन यहां के मामले में लोगों को हैरानी इस बात पर हो रही है कि जापानी वैॅज्ञानिक इस बम को पहले क्यों नहीं डिटेक्ट कर पाए. अगर उन्हें इस बम के बारे में पहले से पता था तो जापानी तकनीक से इसे सेफली डिफ्यूज क्यों नहीं किया गया.

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