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DNA with Sudhir Chaudhary: अमेरिका के बाद जापान दुनिया का शायद इकलौता ऐसा देश है, जिसने Soft Power की ताकत को सही से समझा. इसलिए आज भारत चाहे तो जापान से काफी कुछ सीख सकता है. वर्ष 1980 में जापान के विदेश मंत्रालय ने एक बहुत बड़ा फैसला लिया था, जिसके तहत जापान दुनिया को ये दिखाना चाहता था कि उसकी Soft Power क्या है? इस Soft Power को Cool Japan कहा गया. इसके तहत J-Pop, Pokemon जैसे Cartoon Characters और Japnese Comics का परिचय जापान ने पूरी दुनिया से कराया गया.
उस दौर में Pokemon को पूरी दुनिया में पसन्द किया गया. शायद आपने भी इसके बारे में जरूर सुना हो. इसके अलावा K-Pop यानी Korean Pop से पहले J-Pop यानी Japanese Pop Culture भी पूरी दुनिया में हिट हुआ. इसी तरह Japnese Comics का बाजार, जिसे मांगा भी कहते हैं, वो काफी लोकप्रिय हो गया. ये इंडस्ट्री पूरी दुनिया में 45 हजार 600 करोड़ रुपये की हो गई.
हालांकि वर्ष 2010 के बाद जापान की ये Soft Power कम होने लगी. और इसकी जगह Korean Pop ने ले ली. हालांकि आप जानते हैं कि इसके बाद जापान की सरकार ने क्या किया, वहां की सरकार ने जापान को फिर से Cool Japan बनाने के लिए वर्ष 2017 में Cool Japan बोर्ड बनाया और इसे ढाई हजार करोड़ रुपये का फंड दिया गया, ताकि दुनिया के नक्शे पर जापान की Soft Power को एक बार फिर से स्थापित किया जा सके. आज भारत चाहे तो वो भी जापान की तरह अपनी Soft Power को दुनिया तक पहुंचाने के लिए ऐसा ही फंड बना सकता है.
जापान में QUAD की अहम बैठक होगी. QUAD में कुल चार देश हैं, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत. इसलिए आज आप पांच Points में इस बैठक का एजेंडा और इसके मायने भी समझ सकते हैं. पहला- इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी सबसे सीनियर नेता की भूमिका में होंगे. जो बाइडेन पिछले साल ही 20 जनवरी 2021 को अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं. इसके अलावा जापान के प्रधानमंत्री ने भी पिछले साल ही ये पद सम्भाला है. और ऑस्ट्रेलिया के नए प्रधानमंत्री ने तो आज ही शपथ ली है. दूसरा- यूक्रेन युद्ध के बाद प्रधानमंत्री मोदी और जो बाइडेन की ये पहली बैठक होगी. तीसरा- प्रधानमंत्री मोदी पिछले दो महीने में दूसरी बार जापान के प्रधानमंत्री से मिलेंगे. इससे पहले मार्च में जापान के प्रधानमंत्री भारत के दौरे पर आए थे. चौथा- वो ऑस्ट्रेलिया के नए प्रधानमंत्री से मिलने वाले पहले नेता होंगे. इससे पहले पिछले महीने जब फ्रांस के राष्ट्रपति Emmanuel Macron चुनाव जीते थे, तब भी उनसे मिलने वाले पहले नेता मोदी ही थे. पांचवां- QUAD की इस बैठक में चीन पर भी बात होगी और Indo Pacific क्षेत्र में शांति और सुरक्षा का मुद्दा भी अहम रहेगा.
Quad का मुख्य उद्देश्य...Indo Pacific इलाके की सुरक्षा सुनिश्चित करना है... Indo Pacific हिंद और प्रशांत महासागर के एक बड़े इलाके को मिलाकर बना है...इसकी सीमाएं भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका को छूती है . नक्शे पर इसका आकार चतुर्भुत की तरह है..इसीलिए इसे Quad कहा जाता है. इसी इलाके में South China Sea भी आता है..जिसे लेकर चीन का 9 देशों के साथ विवाद है. दुनिया भर का 33 प्रतिशत समुद्री व्यापार Indo Pacific के रास्ते ही होता है, इसलिए चीन इस पर अपना नियंत्रण चाहता है...लेकिन Quad में शामिल देशों को ये मंज़ूर नहीं है . एक और बात, इस बैठक में चारों देशों की नौसेनाओं के बीच एक समझौता हो सकता है, जिसमें चारों देश Indo Pacific इलाके में चीन की बढ़ती Illegal Fishing को रोकने के लिए एक दूसरे के साथ Sattelite Information शेयर करेंगे. हालांकि ये बात कहने के लिए ही है कि ये समझौता केवल चीन की Illegal Fishing को रोकने के लिए है. क्योंकि इसके जरिए ये देश चीन की बाकी गतिविधियों पर भी नजर रखेंगे.
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#DNA : जापान से क्या सीख सकता है भारत? @sudhirchaudhary
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— Zee News (@ZeeNews) May 23, 2022