अब WHO खोलेगा चीन की पोल, कोरोना वायरस की उत्पत्ति का लगा लिया पता!
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अब WHO खोलेगा चीन की पोल, कोरोना वायरस की उत्पत्ति का लगा लिया पता!

कोरोना वायरस (CoronaVirus) की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए चीन गए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दल ने जमीनी कार्य पूरा कर लिया है.  WHO प्रमुख टेड्रोस एडहोम घेब्येयियस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी.

फाइल फोटो

जिनेवा: कोरोना वायरस (CoronaVirus) की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए चीन गए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दल ने जमीनी कार्य पूरा कर लिया है. 

  1. जांच के लिए चीन गया है विश्व स्वास्थ्य संगठन का दल
  2. चीनी वैज्ञानिकों के साथ मिलकर होगी वायरस की उत्पत्ति की जांच
  3. अमेरिका कोरोना महामारी के लिए चीन और WHO को ठहराता है दोषी

WHO प्रमुख टेड्रोस एडहोम घेब्येयियस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि चीन गए दल ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति जानने के लिए जमीनी कार्य पूरा कर लिया है. अब संक्रमण के शुरुआती मामलों में वायरस की संभावित उत्पत्ति का पता लगाने के लिए वुहान में अध्ययन शुरू किया जाएगा. WHO के प्रतिनिधिमंडल में एक महामारी विशेषज्ञ और एक पशु स्वास्थ्य विशेषज्ञ शामिल है. चीनी अधिकारी जांच दल के कार्यों पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं. 

घेब्येयियस के मुताबिक, चीनी वैज्ञानिक जांच दल के सदस्यों का सहयोग करेंगे और संयुक्त रूप से यह पता लगाया जाएगा कि आखिर वायरस की उत्पत्ति कैसे हुई? वायरस जानवरों से मनुष्यों में कैसा फैला और क्या जानवर COVID के वाहक बन सकते हैं?

हालांकि, WHO प्रतिनिधिमंडल वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी का दौरा नहीं करेगा, जहां से कथित तौर पर वायरस उत्पन्न हुआ था. 

क्या कुछ हासिल होगा?
विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम को क्या चीन में कुछ हासिल होगा? इस पर तो अभी कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन जांच दल के वहां पहुंचने से पहले ऐसी खबरें जरूर सामने आई थीं कि चीन ने कोरोना से जुड़े सभी सबूतों को मिटा दिया है. यह भी कहा गया था कि वुहान में बाढ़ चीन की इसी साजिश का हिस्सा थी. गौरतलब है कि अमेरिका शुरुआत से ही कोरोना महामारी के लिए चीन को दोषी ठहराता आ रहा है. उसका यह भी आरोप है कि WHO ने चीन के इशारे पर काम किया, जिसकी वजह से दुनिया को वक्त रहते वायरस का पता नहीं चल सका. हालांकि, चीन और WHO इस आरोप को नकारते आते आये हैं. 

 

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