Who is Saleh al-Arouri: इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पूरी दुनिया के सामने कबूला है कि हमारी इजायली सेना ने ही हमास के डिप्टी कंमाडर को मारा है. जानें कौन है सालेह अल-अरौरी जिसके लिए इजरायल ने मारने की खा रखी थी कसम.
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Deputy Hamas leader Saleh al-Arouri Death: जनवरी महीने में लेबनान में एक हवाई हमले में हमास के टॉप लीडर, राजनीतिक ब्यूरो के उपाध्यक्ष सालेह अल-अरौरी की हत्या हुई थी. समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इजराइली प्रधानमंत्री ने सोमवार को एक वीडियो बयान में अरौरी का जिक्र करते हुए कहा, "हमने हमास के चौथे नंबर के शख्स को मौत के घाट उतार दिया है." नेतन्याहू ने कहा, " हमारी सेना हमास के शेष लोगों को भी उनके अंजाम तक पहुंचाएगी." उन्होंने इस बात को फिर दोहराया कि जब तक इजरायल हमास को पूरी तरह खत्म नहीं कर देगा. वह गाजा पर हमला करता रहेगा.
जानें कौन था Deputy Hamas leader Saleh al-Arouri
हमास के डिप्टी चीफ सालेह अल-अरौरी को जनवरी महीने में एक इजरायली ड्रोन हमले में मारा गया. अरौरी बेरूत के दक्षिणी उपनगर दाहियाह में इजरायली हमले का निशाना बना जो कि लेबनानी आतंकवादी ग्रुप हिजबुल्लाह का गढ़ है. सालेह अल-अरौरी हमास के राजनीतिक ब्यूरो का उप प्रमुख और फिलिस्तीनी समूह की सशस्त्र शाखा अल कसम ब्रिगेड के संस्थापकों में से एक था. उसका जन्म 1966 में कब्जे वाले वेस्ट बैंक के रामल्लाह में हुआ था.
इजरायली जेल में 15 साल बिताने के बाद वह लंबे समय से लेबनान में निर्वासन में रह रहा था. अक्टूबर में इजरायली सेना ने रामल्लाह के पास उसके घर को ध्वस्त कर दिया था. अमेरिकी सरकार ने 2015 में उसे वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित किया था और उसके बारे में जानकारी देने वाले को 5 मिलियन डॉलर का इनाम का ऐलान किया था।
अरौरी पर अमेरिका ने रखा था 5 मिलियन डॉलर का इनाम
अमेरिका जो हमास को एक आतंकवादी समूह कहता है, उसने पिछले साल अरौरी के बारे में जानकारी देने वाले को $5 मिलियन की पेशकश की थी. अमेरिकी सरकार ने 2015 में उसे वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित किया था और उसके बारे में जानकारी देने वाले को 5 मिलियन डॉलर का इनाम का ऐलान किया था.
हमास ने क्या कहा था?
हमास ने अरौरी की हत्या की पुष्टि करते हुए कहा था कि इस हमले में कासिम ब्रिगेड के अधिकारी समीर फ़िंडी अबू आमेर और अज़्ज़म अल-अकरा अबू अम्मार भी मारे गए. हमास प्रमुख इस्माइल हानियेह ने इस हमले के बाद विरोध जताया था और कहा था कि अरौरी की हत्या 'आतंकवादी कृत्य' है, जो लेबनान की संप्रभुता का उल्लंघन है और फलस्तीनियों के खिलाफ इजरायल की शत्रुता का विस्तार है.'