इस देश में लड़ाकू विमान खरीदने के लिए हो रहा जनमत संग्रह, जानें पूरा मामला
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इस देश में लड़ाकू विमान खरीदने के लिए हो रहा जनमत संग्रह, जानें पूरा मामला

 स्विट्जरलैंड में सरकार ने अपने पुराने हो रहे लड़ाकू विमानों की जगह पर नए लड़ाकू विमानों की खरीदी का फैसला लिया था, लेकिन उसे अपने फैसले से पीछे हटना पड़ सकता है.

पोस्टर के सामने खड़ा व्यक्ति (WION)

जिनेवा: स्विट्जरलैंड में सरकार ने अपने पुराने हो रहे लड़ाकू विमानों की जगह पर नए लड़ाकू विमानों की खरीदी का फैसला लिया था, लेकिन उसे अपने फैसले से पीछे हटना पड़ सकता है. देश की जनता लगता है कि स्विट्जरलैंड को महंगे लड़ाकू विमानों की जरूरत नहीं है, इसकी जगह सरकार को हल्के लड़ाकू विमान लेने चाहिए. ऐसे में विमान खरीदे जाएं या नहीं, इस पर फैसला 27 सितंबर को जनमत संग्रह के माध्यम से होगा.

  1. आखिरी बार 200 साल पहले लड़ी थी लड़ाई
  2. अल्पाइन के पहाड़ों पर है चुनौती
  3. 27 सितंबर को मतदान के बाद होगा फैसला

आखिरी बार 200 साल पहले लड़ी थी लड़ाई
स्विट्जरलैंड को युद्धों के मामले में हमेशा से उदासीन रहा है. आखिरी बार स्विट्जरलैंड ने 200 साल पहले युद्ध लड़ा था. यहां तक कि दो विश्वयुद्धों के केंद्र रहे यूरोप के केंद्र में स्थित स्विट्जरलैंड ने किसी भी लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया था, ऐसे में जनता का कहना है कि जब हमारा काम फोर्ड जैसी गाड़ी यानि हल्के जेट ट्रेनर से चल जा रहा है, तो हमें मर्सिडीज या जगुआर खरीदने की क्या जरूरत?

अल्पाइन के पहाड़ों पर है चुनौती
स्विट्जरलैंड को अल्पाइन के पहाड़ों में चुनौती मिलती रही है, हालांकि उसने कभी युद्ध नहीं किया. अभी स्विस एयरफोर्स में एफ-18 जैसे भारी भरकम लड़ाकू विमान है, जो कभी इस्तेमाल ही नहीं हुए. ऐसे में जनता का कहना है कि अरबों डॉलर खर्च करके महंगे लड़ाकू विमान खरीदने से अच्छा है कि सरकार हल्के ट्रेनर विमान खरीदे और उनपर ही हथियारों की तैनाती करे क्योंकि इसकी भी जरूरत नहीं पड़ेगी. हालांकि अपने देश की सुरक्षा के किसी अन्य देश के भरोसे छोड़ने से अच्छा है कि हम बिना एयरफोर्स के रहने की जगह कम सैनिक रखें, लेकिन वो क्षमतावान हो.

कई देशों से पास नहीं है अपनी सेना
आयरलैंड, माल्टा और लक्जमबर्ग ऐसे देश हैं, जो सेना नहीं रखते. लेकिन द्वितीय विश्वयुद्ध के समय इसी लक्जमबर्ग को सिर्फ 2 मिनट में जर्मनी के सामने सरेंडर करना पड़ा था. ऐसे उदाहरणों के मौजूद होने की वजह से ही स्विट्जरलैंड ने कभी सुरक्षा मामलों को लेकर ढिलाई नहीं बरती.

कौन सा लड़ाकू विमान खरीदना चाहता है स्विट्जरलैंड? 
स्विट्जरलैंड के सामने एयरबस ने यूरो फाइटर मल्टीरोल फाइटर जेट बेचने का प्रस्ताव रखा है. फ्रांस की कंपनी डसाल्ट की तरफ से राफेल, बोईंग की तरफ से एफ/ए18 सुपर हॉर्नेट या फिर लॉकहीड मार्टिन की तरफ से एफ35-ए लाइटनिंग 2 को भी खरीदने का विकल्प है.

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