France Elections 2024: 'अब मुझे डर नहीं होगा कि कोई मेरा हिजाब छीन लेगा' - फ्रांस में RN पार्टी की हार से क्यों खुश हैं मुस्लिम समुदाय?
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France Elections 2024: 'अब मुझे डर नहीं होगा कि कोई मेरा हिजाब छीन लेगा' - फ्रांस में RN पार्टी की हार से क्यों खुश हैं मुस्लिम समुदाय?

France Election Results 2024: फ्रांस की धुर दक्षिण पंथी पार्टी आरएन की जीत की भविष्यवाणियां कई चुनाव पूर्व सर्वों में की गई थी लेकिन नतीजों में पार्टी तीसरे नंबर पर रही.

France Elections 2024: 'अब मुझे डर नहीं होगा कि कोई मेरा हिजाब छीन लेगा' - फ्रांस में  RN पार्टी की हार से क्यों खुश हैं मुस्लिम समुदाय?

French Muslims on Election Results: फ्रांस में धुर दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली (RN)की हार से मुस्लिम समुदाय के बड़े तबके ने खुशी जाहिर की है. आरएन की जीत की भविष्यवाणियां कई चुनाव पूर्व सर्वों में की गई थी लेकिन नतीजों में पार्टी तीसरे नंबर पर रही.

बीबीसी के मुताबिक चुनाव नतीजों के बाद यूनिवर्सिटी स्टूडेंट 19 सारा बेनानी ने कहा, 'मैं बहुत राहत महसूस कर रही हूं. जब मैं आज रात घर जाऊंगी, तो मुझे यह डर नहीं रहेगा कि कोई मेरा हिजाब छीन लेगा.'

सारा ने मरीन ले पेन की नेशनल रैली पर नस्लवाद को बढ़ावा देने और पूरे फ्रांस में नस्लवादी हमलों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया.

22 साल की लॉ स्टूडेंट मरियम टूर ने हंसते हुए कहा, 'मैं रोना चाहती थी. मैं मेट्रो में थी और मेरी बहन ने मुझे फोन करके कहा 'हम जीत गए!' मैं मेट्रो में ही चिल्ला उठी.'

हालांकि हफ्ते भर पहले 30 30 जून को पहले चरण का चुनाव हुआ था तो स्थिति बिल्कुल उल्टी थी. इसमें आरएन ने बढ़त बनाई थी. यूनिवर्सिटी में संचार की पढ़ाई कर रहे 21 वर्षीय सेलिम क्रोची ने कहा, 'पिछले हफ़्ते हम बहुत दुखी थे. उम्मीद देखना बहुत मुश्किल था. लेकिन अब हम बहुत खुश हैं लेकिन लड़ाई जारी है.'

फ्रांस में रहती है बढ़ी मुस्लिम आबादी
द गार्डियन के मुताबिक फ्रांस यूरोप की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी में से एक का घर है. यहां लगभग 6 मिलियन लोग इस्लाम का पालन करते हैं या मुस्लिम पृष्ठभूमि रखते हैं. यह समुदाय यूरोप के सबसे प्रतिष्ठित समुदायों में से एक है, जहां ऐसे परिवार हैं जिन्होंने पाँच पीढ़ियों तक फ्रांसीसी और मुस्लिम परंपराओं को मिलाकर जीवन व्यतीत किया है.

आरएन की जीत को मुस्लिम समुदाय के लिए परेशानियों की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा था.  चुनाव से पहले आरएन की जीत की संभावनओं पर कामेल कबटेन ने द गार्डियन से कहा था, 'परिणाम भयावह होंगे. फ्रांस के लिए, इस देश के सभी नागरिकों के लिए और विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के लिए.'  वह फ्रेंच इंस्टीट्यूट ऑफ मुस्लिम सिविलाइजेशन के प्रमुख हैं. ल्योन शहर में अंतर-सांस्कृतिक संवाद को बढ़ावा देने के लिए 2017 में इसकी स्थापना की गई थी. 

कब्ताने ने कहा था, 'हम उन लोगों के खिलाफ हैं जो इस देश में हमारी मौजूदगी पर आपत्ति जताते हैं और जो हमारे लिए जीवन को कठिन बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. 

ले पेन की पार्टी का मुस्लिम विरोधी रुख
अलजजीरा के मुताबिक आरएन की नेता मरीन ली पेन ने चुनाव से पूर्व सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. इसके साथ ही उनकी पार्टी  अपने इमिग्रेशन विरोधी रुख के लिए जानी जाती है. उनके शिष्य जॉर्डन बार्डेला, (जिन्हें अगले पीएम के तौर पर देखा जा रहा था), ने हिजाब को 'भेदभाव का औजार' कहा.

बार्डेला ने पेरिस के उत्तर में स्थित घनी आबादी वाले उस इलाके - सीन-सेंट-डेनिस - के खिलाफ़ आवाज़ उठाई है, जहां वे बड़े हुए हैं. उन्होंने कहा, 'मैंने अपने ही देश में विदेशी बनने की भावना का गहराई से अनुभव किया है. मैंने अपने पड़ोस के इस्लामीकरण का अनुभव किया है. उन्होंने वादा किया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो वे कुछ 'सबसे रणनीतिक' सरकारी नौकरियों में दोहरी नागरिकता रखने वालों पर प्रतिबंध लगा देंगे.

द गार्डियन के मुताबिक 1970 के दशक की शुरुआत में नेशनल फ्रंट के रूप में शुरू हुई इस पार्टी को यहूदी विरोधी, समलैंगिकता विरोधी और नस्लवादी विचारों की वजह से लंलोकतंत्र के लिए ख़तरा माना जाता रहा है.

इस पार्टी के संस्थापकों में जीन-मैरी ले पेन शामिल थीं उनकी बेटी मरीन ले पेन ने पिछले दशक का अधिकांश समय पार्टी की छवि को नरम करने के लिए काम करते हुए बिताया है. हालांकि पार्टी अप्रवासियों और विशेष रूप से मुसलमानों के खिलाफ आक्रामक रवैया कायम रहा. कायम रहा.

(Symbolic photo courtesy: Reuters)

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