British Women Accepts Islam: एक महीने में चार बार कुरान पढ़कर ईसाई से मुस्लिम बनी ये महिला
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British Women Accepts Islam: एक महीने में चार बार कुरान पढ़कर ईसाई से मुस्लिम बनी ये महिला

Woman Accepts Islam: महिला ब्रिटेन के प्लायमाउथ की रहने वाली है. उसकी परवरिश क्रिश्चन घर में हुई. शुरू से ही उसकी आस्था ईशू से जुड़ी हुई थी.

 

British Women Accepts Islam: एक महीने में चार बार कुरान पढ़कर ईसाई से मुस्लिम बनी ये महिला

British Women Accepts Islam: ब्रिटेन की एक महिला मरियम ने एक महीने के अंतराल में चार बार कुरान पढ़ने के बाद इस्लाम स्वीकार कर लिया है. उसके फैसले ने उसके दोस्तों और परिवार को हैरान कर दिया. महिला ब्रिटेन के प्लायमाउथ की रहने वाली है. उसकी परवरिश क्रिश्चन घर में हुई. शुरू से ही उसकी आस्था ईशू से जुड़ी हुई थी. लेकिन जब वह किशोरवस्था में पहुंची तो उसके मन में सवाल आने लगे कि आखिर हर रविवार को चर्च जाना क्यों जरूरी है. 

हालांकि, इस दौरान मरियम अपनी आस्था से जुड़ी रही, लेकिन ये सवाल उसके मन में चलता रहा. जब मरियम बालिग हुई तो एक बार फिर उसका रुझान अपने धर्म की तरफ हुआ. कुछ समय तक सब ठीक रहा, लेकिन आखिरकार मरियम का झुकाव इस्लाम धर्म की ओर होने लगा. 

मरियम का कहना है कि पहले उसने इस्लाम को जानना शुरू किया. इसके लिए वो इस्लाम से जुड़ी किताबें भी पढ़ रही थी, लेकिन ये जानने के लिए काफी नहीं था. इसी बीच उसके घर एक मुस्लिम इलेक्ट्रीशियन आया, जिससे मरियम की बात हुई. 

इस दौरान इलेक्ट्रीशियन ने मरियम से पूछा कि वह आम मुसलमानों के बारे में क्या सोचती है. इस पर मरियम ने कहा कि वह किसी भी मुस्लिम को नहीं जानती है, जिसके बाद मरियम इस्लाम को जानने की ओर इच्छुक हो गई.

पढ़ा चार बार कुरान शरीफ

इस साल के रमजान महीने में मरियम ने कुरान को पढ़ने का सोचा. उसने एक महीने में चार बार पूरा कुरान पढ़ लिया. मरियम को जानना था कि कुरान क्या कहता है, क्योंकि उसने हमेशा ठीक बातें नहीं सुनी थी.  

मरियम ने कहा कि वह कुरान पढ़कर देखना चाहती थी कि जैसा कहा जाता है, क्या सच में ही ऐसा है. लेकिन कुरान पढ़ने के बाद मरियम को धार्मिक किताब के अंदर कोई भी ऐसा संदेश नहीं मिला, जो हिंसा को बढ़ावा देता हो. इसके बाद मरियम ने सोचा कि कुछ तो इस्लाम में ऐसी बात होगी, जिससे वह दुनिया में तेजी के साथ सबसे ज्यादा फैलने वाला धर्म बनता जा रहा है. मरियम ने बताया कि उसकी दादी को लगता है कि वह सिर्फ एक दौर से गुजर रही है. मरियम ने बताया कि इस बारे में वो ज्यादा बात नहीं करती हैं, क्योंकि इससे उसकी दादी और परेशान हो जाती हैं. 

मरियम ने आगे कहा कि उनके दोस्तों और चर्च के लोगों की ओर से भी इस मामले में काफी प्रतिक्रियाएं आईं. उन सबको लगता था कि किसी ने मरियम के मन में कट्टरता भर दी है. मरियम ने कहा कि उन्होंने इस्लाम कबूल किया, जो काफी लोगों के लिए मानना मुश्किल हो रहा है. मरियम ने आगे कहा कि मेरा विश्वास मुझे खुशी दे रहा है और मैं हमेशा सोचती रहती हूं कि चाहे जो हो जाए, हमारी सभी परेशानियों से बड़ा अल्लाह है. 

मरियम ने कहा कि मैं जिस भी मस्जिद में गई, वहां मैंने पाया है कि सभी महिलाएं वास्तव में मिलनसार और वास्तव में स्वागत करने वाली हैं. वे एक-दूसरे को मुझसे ज्यादा जानती हैं, लेकिन मैंने कभी बाहरी व्यक्ति की तरह महसूस नहीं किया. 

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