दुनिया की सबसे बड़ी रॉबरी को अंजाम देने वाले थे लुटेरे, 4 महीने में खर्च किए 11 करोड़, उड़ाने थे 2 खरब
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दुनिया की सबसे बड़ी रॉबरी को अंजाम देने वाले थे लुटेरे, 4 महीने में खर्च किए 11 करोड़, उड़ाने थे 2 खरब

world's biggest robbery: लोग पैसा कमाने के शॉर्टकट तरीकों को समझने में ज्यादा इंटरेस्ट दिखाने लगे हैं. ये शॉर्टकट कभी-कभी किस्मत चमका देता है तो कभी ये कंगाल भी बना देता है. खैर पैसा कमाने का शॉर्टकट तरीका चोरों को खूब भाता है.

दुनिया की सबसे बड़ी रॉबरी को अंजाम देने वाले थे लुटेरे, 4 महीने में खर्च किए 11 करोड़, उड़ाने थे 2 खरब

world's biggest robbery: लोग पैसा कमाने के शॉर्टकट तरीकों को समझने में ज्यादा इंटरेस्ट दिखाने लगे हैं. ये शॉर्टकट कभी-कभी किस्मत चमका देता है तो कभी ये कंगाल भी बना देता है. खैर पैसा कमाने का शॉर्टकट तरीका चोरों को खूब भाता है. उन्हें बिना किसी मेहनत के खुराफाती दिमाग का इस्तेमाल करते हुए पैसा चुराने में मजा आता है. चोरी और डकैती की कई घटनाओं के बारे में आपने सुना होगा, लेकिन जिस डकैती के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं.. वो आपके होश उड़ा देगी.

पहले आपको ये बता दें कि इस बैंक डकैती को अंजाम तक पहुंचाते-पहुंचाते लुटेरे पुलिस के हाथ लग गए और यह डकैती विफल हो गई. अगर अपराधी इस डकैती को अंजाम दे देते तो यह इतिहास की सबसे बड़ी बैंक डकैती होती. इस बैंक डकैती की तैयारी चार महीनों से चल रही थी. डकैती को अंजाम तक पहुंचाने के लिए शातिर गिरोह ने 11 करोड़ रुपये तक खर्च कर दिए थे.

अब आप सोच रहे होंगे कि डकैती के लिए इतनी बड़ी रकम क्यों खर्च की गई. ये खर्च इसलिए किया गया कि डकैती के बाद जो रकम इस गिरोह को मिलती वह 2 खरब रुपये होती. ये इतनी बड़ी रकम है कि किसी देश की अर्थव्यवस्था को हिला सकती है. छोटे देशों के लिए तो यह उनकी अर्थव्यवस्था के बराबर है.

अब आपको बताते हैं डकैती की प्लानिंग और इस गिरोह के शातिर सदस्यों के बारे में. ये डकैती होनी थी ब्राजील के शहर साउ पाउल में. गिरोह में शामिल 20 शातिरों ने 2017 में इस डकैती को अंजाम देने के लिए गजब का प्लान बनाया था. अपराधियों को साउ पाउल का सरकारी बैंक बैंको दो ब्राजील (Banco do Brasil) लूटना था.

2017 जून में डकैती को अंजाम देने के लिए लुटेरों ने बैंक से 500 मीटर की दूरी पर एक मकान किराए पर लिया. मकान से लेकर बैंक तक सुरंग तक खोद डाली. ये सब करने में तकरीब साढ़े तीन महीने बीत गए. सुरंग बनाने में लोहे और लकड़ी तक का इस्तेमाल किया गया था. सुरंग में ऑक्सीजन की भी व्यवस्था की गई थी कि किसी का दम न घुटे. हर जगह लाइट की व्यवस्था भी की गई थी कि डकैती को जल्द से जल्द अंजाम देकर रफू-चक्कर हुआ जाए.

डकैती के बाद गायब होने के लिए शातिरों ने शहर से ही 7 कारें भी चुराई थी. लेकिन इस बीच पुलिस को भनक लग गई कि बैंक में डकैती की प्लानिंग हो रही है. समय रहते पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया और 16 कुख्यात अपराधियों को तभी गिरफ्तार कर लिया. लेकिन को पुलिस को लगभग साढ़े तीन महीने तक कुछ भी नहीं पता था. अगर कुछ दिनों की देरी और होती तो यह दुनिया की सबसे बड़ी बैंक डकैती को अंजाम देकर शातिर अपराधी नौ-दो-ग्यारह हो गए होते.

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