नई दिल्लीः Varad Chaturthi: आज वरद चतुर्थी है. गौरी पुत्र गणेश को प्रथम पूज्य देव होने का आशीर्वाद प्राप्त है. इनकी पूजा के लिए चतुर्थी के दिन का विशेष महत्व है. महीने में दो बार चतुर्थी पड़ती है. एक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी. दूसरी कृष्ण पक्ष की चतुर्थी. शुक्ल पक्ष वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. कृष्ण पक्ष वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. समस्त कार्यों में भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है, जिससे वह कार्य सफलतापूर्वक पूर्ण हो सके.
विधि-विधान से होती है गणेश पूजा
भगवान गणेश की प्रतिमा को घर के भीतर रखा जाता है. इससे घर के सारे कष्ट दूर हो जाएं और घर धन-धान्य से परिपूर्ण हो. चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है.
गणेश जी को लगाएं सिंदूर
गणेश भगवान को सिंदूर से अत्यधिक लगाव है इसीलिए लाल आसन पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करके उन्हें सिंदूर लगाएं और अपने माथे पर भी सिंदूर का तिलक लगाएं.
भगवान गणेश को प्रिय हैं मोदक
भगवान गणेश को लाल फूल, माला, अक्षत चढ़ाकर विधि विधान से पूजा करें. गणेश जी को मोदक अत्यधिक प्रिय है. इसीलिए लड्डू का भोग लगाएं. दूर्वा घास समर्पित करें, ताकि भगवान गणेश की कृपा प्राप्त हो.
व्रत के बाद गरीबों और ब्राह्मणों में दान करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं. व्रत करने वाले लोगों पर माता लक्ष्मी का आशीर्वाद बढ़ता है. लोगों में आत्मविश्वास की वृद्धि होती है. भगवान गणेश की पूजा करने से कारोबार में सफलता प्राप्त होती है.
आज का पंचांग
मार्गशीर्ष - शुक्ल पक्ष- चतुर्थी तिथि 04.25 बजे तक, इसके उपरांत पंचमी तिथि - रविवार
नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र
महत्वपूर्ण योग- गण्ड योग
चंद्रमा का धनु के उपरांत 18:04 पर मकर राशि पर संचरण
आज का शुभ मुहूर्त – सर्वार्थ सिद्ध योग 12.37 बजे से
आज का राहु काल - 09.32 बजे से 10.53 बजे तक
त्योहार - वरद चतुर्थी
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