Ganesha Chaturthi 2021: गणेश जी को क्यों चढ़ाते हैं दूब, जानिए इसकी कथा और कारण

Ganesha Chaturthi 2021: गणेश चतुर्थी (Ganesha Chaturthi 2021) को प्रात: काल स्नान करने के बाद गणेशजी के मंदिर में जाकर दुर्वा की 11 या फिर 21 गांठ अर्पित करें. मान्यता है कि ऐसा करने से आपके हर काम से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं और आपको धन की प्राप्ति होती है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 4, 2021, 09:03 AM IST
  • पंचदेवों में से प्रथम पूजनीय गणपति की साधना में दूर्वा का विशेष प्रयोग किया जाता है.
  • सभी जगह आसानी से मिल जाने वाली दूर्वा को गणपति पर चढ़ाने से विशेष कृपा प्राप्त होती है
Ganesha Chaturthi 2021: गणेश जी को क्यों चढ़ाते हैं दूब, जानिए इसकी कथा और कारण

नई दिल्ली: Ganesha Chaturthi 2021: सभी देवी-देवताओं को कोई न कोई ऐसी वस्तु  जरूर होती है जो बेहद प्रिय होती है. ऐसी वस्तु जिसका प्रयोग उनकी पूजा में अवश्य किया जाता है. इसी तरह से गणेशजी को दूर्वा या दूब घास बेहद प्रिय होती है और उनकी पूजा में दुर्वा अर्पित करना बेहद जरूरी माना गया है.

दूब से करिए ये उपाय
गणेश चतुर्थी (Ganesha Chaturthi 2021) को प्रात: काल स्नान करने के बाद गणेशजी के मंदिर में जाकर दुर्वा की 11 या फिर 21 गांठ अर्पित करें. मान्यता है कि ऐसा करने से आपके हर काम से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं और आपको धन की प्राप्ति होती है.

गणेश जी को इसलिए प्रिय है दूब
गणेशजी को पूजा में दूर्वा जरूर चढ़ानी चाहिए.इस संबंध में एक कथा प्रचलित है. कथा के अनुसार पुराने समय में अनलासुर नाम का एक राक्षस था.इस राक्षस के आतंक को सभी देवता खत्म नहीं कर पा रहे थे, उस समय गणेशजी ने अनलासुर को निगल लिया था. जिससे गणेशजी के पेट में बहुत जलन होने लगी थी. इसके बाद ऋषियों ने खाने के लिए दूर्वा दी.

दूर्वा खाते ही गणेशजी के पेट की जलन शांत हो गई. इसी के बाद से गणेशजी को दूर्वा चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई है.

दूर्वा से गणपति दूर करेंगे दु:ख
पंचदेवों में से प्रथम पूजनीय गणपति (Ganapati) की साधना में दूर्वा का विशेष प्रयोग किया जाता है. मान्यता है कि यदि साधक गणपति की पूजा दूर्वा की कोपलों से करता है तो उसे कुबेर के समान धन की प्राप्ति होती है.

सभी जगह आसानी से मिल जाने वाली इस दूर्वा को गणपति पर चढ़ाने से विशेष कृपा प्राप्त होती है. दूर्वा चढ़ाने से प्रसन्न होकर गणपति सभी कष्टों और विघ्न-बाधाओं को दूर करते हैं.

कैसे चढ़ाते हैं दूर्वा
गणेशजी को दूर्वा एक खास तरीके से चढ़ाई जाती है. दूर्वा का जोड़ा बनाकर गणेशजी को चढ़ाया जाता है. 22 दूर्वा को एक साथ जोड़ने पर दूर्वा के 11 जोड़े तैयार हो जाते हैं. इन 11 जोड़ों को गणेशजी को चढ़ाना चाहिए.
पूजा के लिए किसी मंदिर के बगीचे में उगी हुई या किसी साफ जगह पर उगी हुई दूर्वा ही लेना चाहिए.

नरसिंह अवतार में हुआ दूर्वा का जन्म
शास्त्रों के अनुसार नरसिंह अवतार के समय जब भगवान के कुछ बाल पृथ्वी पर गिरे उनसे ही दूर्वा और कुश उत्पन्न हुई. व्यवसाय में जब बुध शुक्र का योग ठीक ना चल रहा हो तो हरी दूर्वा से गौ सेवा करने से लाभ होता है . स्वस्थ में लाभ के लिए दूर्वा द्वारा शिव का अभिषेक करने से लाभ होता है. दुर्वासा ऋषि की शक्ति भी इसी दूर्वा के कारण ही थी. 

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