Grahan 2025: कब-कब लगेगा सूर्य और चंद्र ग्रहण, जानें सही तारीख और सूतक का समय

Grahan 2025 Date: नए साल 2025 में चार ग्रहण होंगे. ज्योतिष शास्त्र में सूर्य एवं चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व है. इस दौरान शुभ कार्य और पूजा-पाठ करने की मनाही होती है. लापरवाही करने या बरतने से शारीरिक और मानसिक सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. साल 2025 में भी चार ग्रहण देखने को मिलेंगे.  इनमें से दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण होंगे. साल 2025 में कुल दो चंद्र ग्रहण लगने वाले हैं. इनमें से पहला ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा जबकि दूसरा चंद्र ग्रहण भारत में नजर आएगा. चलिए जानते हैं ग्रहण की डेट 

Written by - Dr. Anish Vyas | Last Updated : Nov 27, 2024, 07:27 PM IST
  • साल 2025 में कब लगेगा सूर्य और चंद्र ग्रहण
  • जानें सूतक का सही समय और तारीख
Grahan 2025: कब-कब लगेगा सूर्य और चंद्र ग्रहण, जानें सही तारीख और सूतक का समय

नई दिल्ली Grahan 2025 Date: साल 2025 में चार ग्रहण होंगे. ज्योतिष शास्त्र में सूर्य एवं चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व है. पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च 2025 को लगेगा. यह पूर्ण ग्रहण होगा. यह चंद्र ग्रहण होलिका दहन के दिन लगेगा. लेकिन भारत में दिखाई नहीं देने के कारण इस चंद्र ग्रहण का भारत में कोई असर नहीं होगा. ये चंद्र ग्रहण यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका और पैसिफिक में दिखाई देगा. दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को लगेगा. यह चंद्र ग्रहण पितृ पक्ष की शुरुआत में लगेगा और यह भारत में दिखाई देगा, जिससे इसका सूतक काल मान्य होगा.

पहला सूर्य ग्रहण 
पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 को लगेगा. यह आंशिक सूर्य ग्रहण और रात को लगने के कारण भारत में दिखाई नहीं देगा. पहला सूर्य ग्रहण यूरोप, रूस और अफ्रीका में दिखाई देगा. दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 को लगेगा और यह भी भारत में नहीं दिखेगा. यह भी आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और न्यूजीलैंड, पैसिफिक व अंटार्कटिका में दिखाई देगा.

29 मार्च को पहला सूर्य ग्रहण ( पूर्ण सूर्य ग्रहण )
पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 को चैत्र मास की कृष्ण पक्ष अमावस्या के दिन लगेगा. यह पूर्ण ग्रहण दोपहर 14:21 बजे से शाम 18:14 बजे तक रहेगा. यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका कोई धार्मिक प्रभाव नहीं माना जाएगा. साथ ही इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. इस दौरान मीन राशि और उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में ग्रहों का विशेष संयोग बनेगा. इस दिन मीन राशि में सूर्य और राहु के अतिरिक्त शुक्र, बुध और चंद्रमा उपस्थित होंगे. इससे द्वादश भाव में शनि विराजमान होंगे. इससे तीसरे भाव में वृषभ राशि में बृहस्पति, चौथे भाव में मिथुन राशि में मंगल और सप्तम भाव में कन्या राशि में केतु स्थित होंगे. पांच ग्रहों का प्रभाव एक साथ होने के कारण इस ग्रहण का राशियों पर बहुत गहरा प्रभाव देखने को मिल सकता है. 

21 सितंबर को दूसरा सूर्य ग्रहण ( पूर्ण सूर्य ग्रहण )
 दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर की रात्रि में लगेगा, जो आश्विन मास की कृष्ण पक्ष अमावस्या के दिन रात 22:59 बजे से शुरू होकर 22 सितंबर की सुबह 03:23 बजे तक प्रभावी रहेगा. यह ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां इसका धार्मिक प्रभाव भी नहीं होगा और न ही इसका सूतक काल मान्य होगा. साल का दूसरा ग्रहण कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में आकार लेगा. इस दौरान सूर्य, चंद्रमा और बुध के साथ कन्या राशि में स्थित होंगे और उन पर मीन राशि में बैठे शनि देव की पूर्ण दृष्टि रहेगी. इससे दूसरे भाव में तुला राशि में मंगल होंगे, छठे भाव में कुंभ राशि में राहु, दशम भाव में बृहस्पति और द्वादश भाव में शुक्र और केतु की युति होगी. कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे लोगों के लिए यह सूर्य ग्रहण विशेष रूप से प्रभावशाली हो सकता है.

14 मार्च को पहला चंद्र ग्रहण ( पूर्ण चंद्र ग्रहण )
साल 2025 का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को फाल्गुन मास की शुक्ल पूर्णिमा के दिन लगेगा. यह ग्रहण भारतीय समयानुसार सुबह 10:41 बजे से दोपहर 14:18 बजे तक रहेगा. यह भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इस ग्रहण का धार्मिक दृष्टि से भारत में कोई महत्व नहीं होगा.  खगोलीय दृष्टि से यह चंद्र ग्रहण सिंह राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लगेगा, इसलिए सिंह राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे लोगों के लिए यह ग्रहण विशेष रूप से प्रभावशाली रहने वाला है. चंद्र ग्रहण के दिन चंद्रमा से सप्तम भाव में सूर्य और शनि विराजमान रहेंगे और चंद्रमा को पूर्ण सप्तम दृष्टि से देखेंगे. ऐसे में इसका प्रभाव और भी गहरा देखने को मिलेगा. इस दिन चंद्रमा से दूसरे भाव में केतु, सप्तम भाव में सूर्य और शनि, अष्टम भाव में राहु, बुध और शुक्र, दशम भाव में बृहस्पति और एकादश भाव में मंगल विराजमान होंगे.

7 सितंबर को दूसरा चंद्र ग्रहण ( पूर्ण चंद्र ग्रहण )
 दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को भाद्रपद मास की शुक्ल पूर्णिमा के दिन लगेगा. यह रात्रि 21:57 बजे शुरू होकर 1:26 बजे तक प्रभावी रहेगा और भारत समेत संपूर्ण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, न्यूजीलैंड, पश्चिमी और उत्तरी अमेरिका, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका के पूर्वी क्षेत्रों में दिखाई देगा. यह चंद्र ग्रहण भारत में भी नजर आएगा इसलिए इसका सूतक काल मान्य होगा और धार्मिक दृष्टि से इसका महत्व होगा. इस ग्रहण का सूतक काल 7 सितंबर को दोपहर 12:57 बजे से आरंभ होगा और ग्रहण की समाप्ति तक रहेगा. यह पूर्ण चंद्र ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा, जिसमें चंद्रमा के साथ राहु और सप्तम भाव में सूर्य, केतु और बुध विराजमान होंगे. इस संयोजन का कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में जन्मे व्यक्तियों पर विशेष प्रभाव पड़ सकता है. इन जातकों को सावधानी बरतने का आवश्यकता रहेगी. 

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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