Holika Dahan Shubh Muhurat 2023: होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या है? भद्रा के बाद ये समय रहेगा सबसे उत्तम

Holika Dahan Shubh Muhurat 2023: रंगों का पर्व होली आने वाला है. कई जगहों पर रंग खेलना शुरू भी हो गया है. पुरुषों या महिलाओं की टोली होली के गीत गा रही हैं. होल्यार होली का आनंद उठा रहे हैं. होली का त्योहार फाल्गुन मास में मनाया जाता है तो होलिका दहन उससे एक दिन पहले होता है. होलिका दहन को लेकर इस बार लोग असमंजस में हैं. ऐसे में जानिए कब है होलिका दहन का शुभ मुहूर्तः

Written by - Lalit Mohan Belwal | Last Updated : Mar 5, 2023, 11:41 AM IST
  • छह मार्च को शुरू होगी पूर्णिमा तिथि
  • जानें होलिका दहन कब किया जाएगा
Holika Dahan Shubh Muhurat 2023: होलिका दहन का शुभ मुहूर्त क्या है? भद्रा के बाद ये समय रहेगा सबसे उत्तम

नई दिल्लीः Holika Dahan Shubh Muhurat 2023: रंगों का पर्व होली आने वाला है. कई जगहों पर रंग खेलना शुरू भी हो गया है. पुरुषों या महिलाओं की टोली होली के गीत गा रही हैं. होल्यार होली का आनंद उठा रहे हैं. होली का त्योहार फाल्गुन मास में मनाया जाता है तो होलिका दहन उससे एक दिन पहले होता है. होलिका दहन को लेकर इस बार लोग असमंजस में हैं. ऐसे में जानिए कब है होलिका दहन का शुभ मुहूर्तः

6 मार्च को शुरू होगी पूर्णिमा तिथि
होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा के दिन प्रदोष काल में होता है. वहीं, होली इसके अलगे दिन चैत्र कृष्ण प्रतिपदा को मनाई जाती है. इस बार फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि 6 मार्च यानी मंगलवार को शाम 4.17 बजे से शुरू होगी और अगले दिन 7 मार्च को शाम 6.09 बजे खत्म होगी. दोनों दिन पूर्णिमा तिथि पर प्रदोष काल रहेगा. 

होलिका दहन कब किया जाएगा
इसी वजह से होलिका दहन कब होगा, इसे लेकर लोग उलझन में हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, होलिका दहन की तिथि पर सुबह के वक्त भद्रा भी रहेगी. ऐसे में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त सात मार्च को शाम 6.24 बजे से रात 8.51 बजे तक रहेगा. यानी 2 घंटे से ज्यादा समय में होलिका दहन किया जा सकता है. भद्रा की बात करें तो यह 6 मार्च को 4.48 बजे से 7 मार्च सुबह 5.14 बजे तक रहेगा. 

होलिका दहन कैसे करें
होलिका दहन के लिए सबसे पहले गणेश भगवान की पूजा करें. फिर उस जगह गंगा जल छिड़कें. फिर पूजा करने वाले होलिका के नजदीक पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठें. होलिका दहन से पूजा करें. गेहूं की सूखी बालियों से पूजा करें. इसके बाद होलिका दहन करें. हालांकि, होलिका दहन को लेकर कई स्थानीय मान्यताएं भी हैं. जिसके अनुसार होलिका दहन किया जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

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