कैसे थे भगवान राम और माता सीता के कपड़े, जानें क्या कहते हैं- रामायण और रामचरित मानस

फिल्म अदिपुरुष का ट्रेलर रिलीज होने के साथ ही विवाद छिड़ गया है. फिल्म में रावण के लुक से लेकर भगवान राम और माता सीता के कपड़ों को लेकर भी बहस चल रही है. आज हम आपको बताने जा रहा है कि रामायण और रामचरित मानस में भगवान के स्वरूप का कैसा वर्णन किया गया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 15, 2022, 09:32 AM IST
  • आदिपुरुष फिल्म को लेकर चल रहा विवाद
  • ऋषि-मुनियों जैसे साधारण वस्त्र का उल्लेख
कैसे थे भगवान राम और माता सीता के कपड़े, जानें क्या कहते हैं- रामायण और रामचरित मानस

नई दिल्ली. 'आदिपुरुष' फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के बाद कई बातों को लेकर विवाद छिड़ गया है. इसमें रावण के लुक और भगवान हनुमान के कपड़ों को लेकर विवाद है. इसी क्रम में आज हम आपको भगवान राम और सीता के वस्त्र से जुड़ी दिलचस्प कहानी बताएंगे. बात राम-सीता की हो तो वाल्मीकि कृत रामायण और तुलसीदास की रामचरित मानस को ही सबसे ज्यादा प्रमाणिक माना गया है. इन दोनों ही ग्रंथों में एक बात का साफ उल्लेख है कि राम-सीता के वस्त्र राजा-रानी जैसे नहीं बल्कि ऋषि-मुनियों जैसे साधारण थे. एक जगह तो सीता को चीर वस्त्र पहने हुए भी बताया गया है. चीर यानी भिक्षुओं जैसे अति साधारण और पूरे शरीर में बस एक ही कपड़े को धारण करना.

क्या कहते हैं रामायण और रामचरित मानस?
तुलसीदास की रामचरित मानस के अयोध्याकांड में कहा गया है-राम जब वन जाने के लिए अपने बड़ों से आज्ञा ले रहते होते हैं तभी माता कैकैयी उनके सामने कमंडल और ऋषि मुनियों के वस्त्र लाकर रख देती हैं. रामायण के अयोध्याकांड के 118वें अध्याय में भी इस बात का उल्लेख है कि राम सीता ऋषि मुनियों के समान कपड़े पहनकर राजभवन से वन के लिए प्रस्थान करते हैं. 

रामायण के अयोध्याकांड के 32 वें अध्याय में और स्पष्ट तौर पर राजसी वस्त्रों को त्यागने और ऋषि मुनियों के वस्त्रों को धारण करने का वर्णन है. इसमें कहा गया है कि वन प्रस्थान करने से पहले राम अपने और सीता के आभूषण गुरू वशिष्ठ के पुत्र सुयज्ञ को देते हुए कहते हैं कि यह सब तुम्हारे और सीता की सखी तुम्हारी पत्नी के लिए है.

इसी ग्रंथ के 37वें अध्याय में स्पष्टतौर पर उल्लेख है कि वह वन जाते वक्त राम और सीता अपने सभी राजसी वस्त्रों और आभूषण का दान कर  वस्त्र धारण करते हैं। रामायण के 38वें अध्याय में कहा गया है सीता वन जाते समय भिक्षुकों के सामान चीर वस्त्र धारण करती हैं. सीता के ऐसे वस्त्रों को देखकर अयोध्या की जनता राजा दशरथ को बुरा भला कहती है.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

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