नई दिल्ली: रक्षा बंधन हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इस दिन बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उसके समृद्ध जीवन की कामना करती है और भाई अपनी बहन की रक्षा करने का संकल्प लेता है. इस बार रक्षाबंधन 11 अगस्त को गुरुवार के दिन मनाया जाएगा. इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा भी लग रहा है, जिसे राखी बांधने के लिए उचित समय नहीं माना जाता है.
हिंदू पंचाग के अनुसार राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजे 38 मिनट से लेकर रात 9 बजे तक का है। इस शुभ मुहूर्त में आप अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकते हैं। रक्षाबंधन को लेकर कई हिंदू पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं. आईए आपको बतातें हैं कि पुराणों में रक्षाबंधन के इतिहास को लेकर क्या कहा गया है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, रक्षाबंधन की शुरुआत महाभारत से जुड़ी हुई है. कहा जाता है कि महाभारत के युद्ध के दौरान सुदर्शन चक्र से भगवान कृष्ण की उंगली पर चोट लग गई थी, जिससे खुन बह रहा था. यह देखकर द्रौपदी ने अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़ दिया और खून बहने से रोकने के लिए उसपर बांध दिया। तब से कपड़े का यह टुकड़ा पवित्र धागे की निशानी बन गया.
इस घटना के बाद भगवान कृष्ण ने द्रौपदी से जीवन भर उनकी रक्षा का वादा किया. इसके बाद भगवान कृष्ण ने चीर हरण के समय दौपदी की रक्षा कर अपना वादा भी पूरा किया. इस घटना के बाद से ही रक्षा बंधन का पर्व मनाया जाता है. इस दिन बहनें भाइयों के माथे पर 'तिलक' लगाती हैं और उनकी कलाई पर धागा या राखी बांधती हैं. यह पर्व भाई के प्रति बहनों के बिना शर्त विश्वास को दर्शाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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