नई दिल्लीः Surya Gochar 2024: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य का विशेष स्थान है. सूर्य देव को सभी ग्रहों का राजा कहा जाता है. वे हर महीने राशि परिवर्तन करते हैं. इस गोचर का सभी राशियों पर प्रभाव पड़ता है. ग्रहों के राजा सूर्य 16 नवंबर 2024 को वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे.
15 दिसंबर तक वृश्चिक में रहेंगे सूर्य
सूर्य अपनी नीच राशि तुला से निकलकर अपनी मित्र राशि वृश्चिक में गोचर करेंगे. इसके बाद यह 15 दिसंबर 2024 तक इसी राशि में रहेंगे. फिर सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे. सूर्य की राशि सिंह होती है. अगर जातक की कुंडली में सूर्य मजबूत स्थिति में होता है तो उसे मान-सम्मान और समृद्धि की प्राप्ति होती है. जातक की कुंडली में सूर्य के अशुभ होने पर पेट, आंख और हृदय संबंधी रोग हो सकते हैं. माना जाता है सूर्य के अशुभ प्रभाव से जातक के सरकारी काम में भी बाधा आती है.
दो बार नक्षत्र परिवर्तन करेंगे सूर्य
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि आत्मा का कारक ग्रह सूर्य नवंबर में कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन अपनी राशि परिवर्तित करेंगे. 16 नवंबर 2024 को प्रातः 7:41 बजे सूर्य देव तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे और 15 दिसंबर 2024 तक वहीं रहेंगे. इस दौरान सूर्य दो बार नक्षत्र परिवर्तन भी करेंगे. सबसे पहले 19 नवंबर 2024 को सूर्य अनुराधा नक्षत्र में गोचर करेंगे, फिर 2 दिसंबर 2024 को ज्येष्ठा नक्षत्र में गोचर करेगा.
वृश्चिक संक्रांति पर करें सूर्य पूजा
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिष में सूर्य ग्रह का विशेष रूप से महत्व है. सूर्य ग्रह किसी भी राशि में लगभग 30 दिनों तक विराजमान रहेंगे. जिस दिन सूर्य देव राशि परिवर्तन करते हैं, उस दिन संक्रांति मनाई जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग संक्रांति तिथि पर सूर्य देव की पूजा करते हैं, उन्हें समाज में अच्छी प्रतिष्ठा प्राप्त होती है. आपकी किस्मत भी अच्छी रहेगी और आप किसी भी काम में सफलता प्राप्त करेंगे. सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में जाता है तो उसे संक्रांति कहा जाता हैं और जब सूर्य तुला राशि से वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे तो उसे वृश्चिक संक्रांति कहा जाएगा.
प्रत्येक वर्ष में कुल 12 संक्रांति आती है और हर राशि में सूर्य 1 महीने तक रहते हैं. सूर्य के इसी भ्रमण की स्थिति को संक्रांति कहा जाता है. संक्रांति को बहुत ही पवित्र दिनों में से एक माना जाता है इसलिए इसे हिन्दू धर्म में पर्व भी कहा गया है.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)