नई दिल्ली. घर की हर एक चीज को सही स्थान पर रखने के लिए वास्तुशास्त्र बहुत ज्यादा मायने रखता है. ऐसा माना जाता है कि यदि आप चीजों को सही दिशा में सजाते हैं तो यह आपको हर एक तरह से लाभ पहुंचाती हैं और वहीं वास्तु का ध्यान न रखते हुए चीजें रखने से घर की आर्थिक स्थिति तो खराब हो ही सकती है और घर में व्यर्थ के कलह कलेश भी बढ़ने लगते हैं. वास्तु की मानें तो घर में सुख समृद्धि के लिए सभी दिशाओं का बहुत ज्यादा महत्व होता है.
दक्षिण मुखी घर में मुख्य दरवाजा कहां लगाना चाहिए?
दक्षिणमुखी घर के वास्तु सिद्धांतों के अनुसार, दक्षिणमुखी घर की योजना के मुख्य दरवाजे या प्रवेश द्वार दक्षिणमुखी दीवार या क्षेत्र के केंद्र में होना चाहिए. यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि घर की ऊर्जा लाइन अप हो.
दक्षिण मुखी दरवाजे का वास्तु दोष कैसे दूर करें?
दक्षिणमुखी दरवाजे के ऊपर भौम यंत्र के साथ बाहुबली हनुमान यंत्र या दक्षिण मुखय यंत्र रखें. वास्तु दोष को दूर करने के लिए दक्षिण दिशा में स्थित सेप्टिक टैंक या पानी की टंकी के चारों ओर वास्तु पिरामिड स्ट्रिप्स लगाएं. दक्षिण दिशा में रसोई घर के लिए वास्तु शिफ्ट तीर और लाल जैस्पर पिरामिड का प्रयोग करें.
दक्षिण दिशा में किसका वास है?
मृत्यु के देवता यमराम को दक्षिण दिशा का मालिक माना जाता है. इन्हें धर्मराज भी कहा जाता है. दक्षिण दिशा का तत्व पृथ्वी है. इस दिशा में भारी सामान रखा जा सकता है.
दक्षिण दिशा की दीवार पर क्या लगाना चाहिए?
अगर आपकी तस्वीर या फिर पेंटिंग में वाटर बॉडीज की प्रधानता है तो इन्हें ऐसी तस्वीरों को लगाने की सबसे उचित दिशा उत्तरी दीवार होती है. ऐसी पेंटिंग्य जिनमें अग्नि को दिखाया जा रहा हो उन्हें हमेशा दक्षिण दिशा की दीवार पर लगाना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)
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