नई दिल्लीः अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर शुक्रवार से चार धाम के कपाट खुलने की शुरुआत हो गई है. विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट शुक्रवार को दोपहर 12:15 बजे अभिजीत मुहूर्त में खोले गए.
हालांकि कोरोना संकट के कारण श्रद्धालुओं की मौजूदगी नहीं रही और आगे भी दर्शन की अनुमति नहीं है. अब इसके बाद एक-एक करके भगवान बदरी विशाल के दरबार बदरी नाथ और केदारनाथ के कपाट भी खोले जाएंगें.
कर्क लग्न में दोपहर 12:15 बजे खुले कपाट
जानकारी के मुताबिक, कोविड गाइडलाइन्स का पालन करते हुए सीमित संख्या में लोगों की मौजूदगी में देवी यमुना के शीतकालीन निवास स्थल खुशीमठ खरसाली में मां यमुना विदाई हुई. अभिजीत मुहूर्त पर कर्क लग्न में दोपहर 12:15 बजे परंपरा अनुसार वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ यमुनोत्री धाम के कपाट खोल दिए गए हैं.
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अन्य धामों के कपाट भी खुलेंगे
कपाट खुलने के बाद यमुनोत्री मंदिर समिति, पंच पंडा समिति एवं यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों सहित खरसाली के ग्रामीणों में खुशी का माहौल है. गंगोत्री धाम के कपाट शनिवार 15 मई, केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई और बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. कोरोना के बढ़ते केसों के बीच इस साल भी श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति नहीं दी गई है. देवस्थानम् बोर्ड ने कपाट खोलने की तैयारियों का जायजा भी लिया है.
17 मई को खुलेंगे भगवान केदार के कपाट
भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से धाम के लिए रवाना हो गई है. कोरोना महामारी के चलते इस बार भी डोली को रथ से रवाना किया गया है. डोली के रथ को फूल मालाओं से भव्य सजाया गया है.
देवस्थानम् बोर्ड के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी ने बताया कि पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी कोरोना महामारी के चलते डोली को रथ से रवाना किया गया है.
डोली शुक्रवार को गौरीकुण्ड पहुंची और शनिवार सुबह गौरीकुण्ड से रवाना होकर केदारनाथ धाम पहुंचेगी. 17 मई को प्रातः पांच बजे भगवान केदारनाथ के कपाट खोल दिए जाएंगे.
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