लखनऊः 13 साल बाद गोरखपुर (Gorakhpur) को जख्म देने वाले अपराधी का हिसाब हुआ. 22 मई 2007 को Gorakhpur शहर के खास इलाके गोलघर में सीरीयल Blast हुए थे. इसके आरोपी रहे Tariq Kazmi को दोषी करार दिए जाने के बाद उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.
अदालत ने तारिक काजमी पर 2 लाख 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. यह वही तारिक (Tariq Kazmi) है जिस पर लखनऊ, अयोध्या और बाराबंकी कचहरी में हुए ब्लास्ट का भी आरोप है. वैसे लखनऊ व अयोध्या की अदालत पहले ही इसे सजा सुना चुकी है.
Blast का आजमगढ़ कनेक्शन
जानकारी के मुताबिक, Gorakhpur स्थित गोलघर में तीन सीरियल ब्लॉस्ट कराने के आरोपी आजमगढ़ के शंभूपुर थाना रानी की सराय के रहने वाले तारिक काजमी (Tariq Kazmi) पुत्र रियाज अहमद को गोरखपुर सिविल कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट संख्या 1 नरेंद्र कुमार सिंह ने 3/4/5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 3/4 में सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
इंडियन मुजाहिद्दीन का नाम आया था सामने
गोरखपुर के गोलघर सीरियल ब्लास्ट में पहली बार आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन का नाम सामने आया था. गोरखपुर में हुए तीनों सीरियल ब्लास्ट साइकिल पर टंगे हुए टिफिन में किए गए थे. इसी की तर्ज पर फैजाबाद बाराबंकी और लखनऊ में भी सीरियल ब्लास्ट किए गए. गोरखपुर सीरियल ब्लास्ट में 6 लोग घायल भी हुए थे.
गोरखपुर सीरियल ब्लास्ट के आरोपी तारिक काजमी (Tariq Kazmi) को बाराबंकी से उसके साथी खालिद के साथ गिरफ्तार किया गया था. तारिक के साथी खालिद मुजाहिद की 2013 में लू लगने से बाराबंकी में मौत हो गयी थी.
सपा सरकार में हुई थी Case वापस लेने की कोशिश
तारिक काजमी के साथी खालिद को सपा सरकार ने निर्दोष मानते हुए केस वापस लने के प्रयास भी किये थे. हालाकि पहले बाराबंकी कोर्ट फिर हाईकोर्ट से सरकार को झटका लगा था और सरकार केस वापस नहीं ले पायी थी. तारिक को फैजाबाद और लखनऊ की कोर्ट ने दोषी मानते हुए उसे और उसके साथी को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
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