जयपुर: राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार संकट में आ गयी है. सचिन पायलट के खेमे के विधायकों की सदस्यता रद्द करने का मन बना रहे अशोक गहलोत को झटका लगा है. राजस्थान उच्ज न्यायालय ने स्पीकर को कार्रवाई करने से रोक दिया था जिसके खिलाफ स्पीकर सुप्रीम कोर्ट चले गए. सुप्रीम कोर्ट में भी मामला सोमवार तक टल गया है.
असहमतियों को दबाने से लोकतंत्र खतरे में पड़ जायेगा- सुप्रीम कोर्ट
राजस्थान के राजनीतिक घमासान पर देश की सर्वोच्च अदालत ने अहम टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि असंतोष दबाने से लोकतंत्र खत्म हो जाएगा. चुने गए विधायकों को असहमति का अधिकार है. वकील कपिल सिब्बल ने राजस्थान विधानसभा के स्पीकर का पक्ष रखते हुए कहा कि स्पीकर के फैसले से पहले कोर्ट का दखल गलत है.
Rajasthan Speaker's petition in SC- Court tells Speaker's counsel Kapil Sibal: Let this matter be heard at length.
Sibal urges SC to stay proceedings in Rajasthan High Court.
Court seeks response from Harish Salve and Mukul Rohatgi, appearing for Sachin Pilot & 18 MLAs.
— ANI (@ANI) July 23, 2020
स्पीकर को निर्देश नहीं दे सकता कोर्ट- कपिल सिब्बल
स्पीकर सीपी जोशी के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को एक उचित समय में फैसला लेने का आग्रह किया था, न कि स्पीकर को कोई आदेश या स्पीकर को तय तारीख़ पर अयोग्य घोषित करने की प्रक्रिया पूरी करने या रोकने के लिए कहा गया था.
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किस आधार पर अयोग्य हैं विधायक- सुप्रीम कोर्ट
शीर्ष अदालत ने कहा कि कांग्रेस के तथाकथित बागी विधायक को किस आधार पर अयोग्य घोषित करने की मांग की जा रही है. कोर्ट ने कपिल सिब्बल से कहा कि पार्टी में रहते हुए कोई भी विधायक अयोग्य नहीं हो सकता. इस पर कपिल सिब्बल ने जवाब दिया है कि ये विधायक पार्टी की बैठक में शामिल नहीं हुए. वे पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं. उन्होंने साक्षात्कार दिया कि वे एक फ्लोर टेस्ट चाहते हैं और वे हरियाणा के एक होटल में हैं.