विकास दुबे ने दो दिन पहले ही निलंबित SO विनय तिवारी की पिटाई की थी, फिर क्या हुआ?

कानपुर में पुलिस हमले पर हैरान करने वाला खुलासा हुआ है, हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने निलंबित इंस्पेक्टर विनय तिवारी की घटना से दो दिन पहले पिटाई की थी..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 5, 2020, 01:41 PM IST
    • निलंबित थानाध्यक्ष विनय तिवारी की दो दिन पहले हुई थी पिटाई
    • अपराधी विकास दुबे ने विनय तिवारी को पीटकर की थी बदसलूकी
    • विकास दुबे से पिटने के बावजूद SO तिवारी ने साधी रही चुप्पी
विकास दुबे ने दो दिन पहले ही निलंबित SO विनय तिवारी की पिटाई की थी, फिर क्या हुआ?

नई दिल्ली: यूपी पुलिस के आठ जांबाजों की जान लेने वाले अपराधी विकास दुबे को दबोचने के लिए तैयारियां जोरो पर हैं. विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर सवाल उठ रहे हैं लेकिन जो खुलासा हुआ है. उसे जानकर हर कोई हैरान रह जाएंगे.

निलम्बित थानाध्यक्ष विनय तिवारी की हुई थी पिटाई

बड़ी जानकारी ये सामने आई है कि कानपुर शूटआउट के करीब दो दिन पहले ही हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने चौबेपुर के निलम्बित थानाध्यक्ष के साथ काफी ज्यादा मारपीट की थी. इस दौरान विकान ने विनय की पिटाई भी की थी. अपराधी और दरिंदे विकास दुबे ने SO विनय तिवारी का मोबाइल तक छीन लिया था और उसने विनय के साथ काफी बदसलूकी की. लेकिन सबसे ज्यादा हैरानी की बात तो ये है कि पिटने का बावजूद SO विनय तिवारी ने चुप्पी साधी रही और इस पिटाई की जानकारी अपने किसी सीनियर अधिकारियों को नहीं दी.

विनय तिवारी के खौफ के स्तर को इस बात से समझिए

विकास दुबे के नाम से ही विनय तिवारी के खौफ के स्तर को इस बात से समधा जा सकता है कि जब विकास दुबे को पकड़ने के लिए डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा की अगुवाई में तीन थाने की पुलिस कानपुर के बिकरू गांव में 20 से 25 पुलिसकर्मी गए थे. उस वक्त खौफजदा विनय दुबे उस इलाके के थानाध्यक्ष होने के बावजूद पीछे-पीछे चल रहे थे. जैसे ही DSP और पुलिसवालों को अपराधियों ने घेर लिया तो विनय तिवारी मौके से भाग गए.

पुलिस के आला अधिकारियों का कहना है कि चौबेपुर के थानाध्यक्ष ने इस दबिश के दौरान लापरवाही बरती साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि पुलिस का खुफिया तंत्र पूरी तरह से नाकाम साबित हुआ, जिसके चलते ऐसी घटना घटी.

विकास दुबे नाम के इस अपराधी ने उत्तर प्रदेश की पुलिस के दामन पर जो खून के छींटे और दाग लगाए हैं. उसे मिटाने की कोशिश में यूपी की पूरी पुलिस जुटी हुई है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे आखिरकार कहां है? जिसका जवाब किसी के पास नहीं है. ऐसे में विकास दुबे को जमीन खा गई या आसमान निगल गया?

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देखने वाली बात ये है कि इस साजिश का भांडाफोड़ आखिरकार कब होता है. विनय दुबे की पिटाई करने वाला और 8 जाबांज पुलिस के जवानों का हत्यारा विकास दुबे किस बिल में छिप कर बैठा है.

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