नई दिल्ली: मास्टर रणनीतिकार के रूप में पहचान रखने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए कर्नाटक को अपना दूसरा घर बना लिया है. शाह ने तारीखों की घोषणा से काफी पहले ही चुनाव की रणनीति बना ली थी. चुनाव प्रचार के आखिरी चरण में उनके अनूठे प्रयासों और बेजोड़ मेहनत के कारण भाजपा कार्यकर्ता आज पूरे विश्वास के साथ दावा कर रहे हैं कि वे कर्नाटक में फिर से सत्ता में आएंगे.
क्या बीजेपी को कर्नाटक में जीत दिला पाएंगे अमित शाह?
उन्होंने जद (एस) और कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले दक्षिण कर्नाटक में पैठ बनाने का काम किया. इस क्षेत्र में भाजपा की उपस्थिति या संगठन नहीं था. इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि भाजपा विधानसभा चुनावों में कभी भी पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाई, अमित शाह ने पैठ बनाने का प्रयास किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरों और कार्यक्रमों के साथ उनकी यात्राओं, बैठकों और कार्यक्रमों की श्रंखला के साथ, भाजपा दावा कर रही है कि वह इस क्षेत्र में अच्छी संख्या में सीटें जीतेगी.
बाद में, जब टिकट से इनकार किया गया, तो कुछ दिग्गज भाजपा नेताओं ने विद्रोह का झंडा बुलंद किया और कुछ ने लिंगायत वोट बैंक को तोड़ने की धमकी देते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया. स्थिति को भांपते हुए शाह खुद हुबली में डेरा डाले रहे और असंतोष को शांत करने की रणनीति बनाई. उन्होंने हुबली-धारवाड़ मध्य सीट पर ध्यान केंद्रित किया, जहां से पूर्व भाजपा मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर ने कांग्रेस से चुनाव लड़ा था.
शाह ने जगदीश शेट्टर को उनके घरेलू मैदान पर हराने का आह्वान किया. स्थानीय लोगों ने कहा कि नतीजों के दिन कुछ भी हो सकता है. छह बार के विधायक शेट्टर नए चेहरे महेश तेंगिनाकयी के रूप में एक मजबूत उम्मीदवार का सामना कर रहे हैं. पार्टी सूत्रों ने बताया कि अमित शाह रोजाना बिना आराम किए लगातार 10 से 15 कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे. यह बंद दरवाजे की बैठकों के अलावा है.
कर्नाटक में लगातार बदल रही है सियासी हवा
ओबीसी मोर्चा के भाजपा राज्य सचिव जयदेव आर. ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि वह (अमित शाह) तेज और बहुत स्मार्ट हैं और ये शब्द उनके दृष्टिकोण को परिभाषित करते हैं. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, जे.पी. नड्डा और बी.एल. संतोष (राष्ट्रीय महासचिव) ने भाजपा को टॉनिक दिया है. लोग कह रहे हैं कि भाजपा बहुमत के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी. कर्नाटक में पार्टी के लिए पिछले 15 दिनों से जबरदस्त लहर बनी है. शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचेंगे. जयदेव ने कहा कि उनकी विनम्रता और कड़ी मेहनत की प्रकृति पार्टी में दूसरी और तीसरी पीढ़ी के नेतृत्व के लिए प्रेरणा रही है.
वह बताते हैं, 'वह बिना किसी परवाह के योजना के मुताबिक आगे बढ़ेंगे. अगर पिछले दो दिनों में रैलियों और कार्यक्रमों की संख्या 20 से ज्यादा हो जाए तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी. फोकस दो महीने से है.' वरिष्ठ अधिवक्ता और कर्नाटक कांग्रेस इकाई के लीगल सेल के अंतरिम अध्यक्ष एस.ए. अहमद ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि न केवल अमित शाह, प्रधानमंत्री मोदी भी व्यापक प्रचार अभियान चला रहे हैं और राज्य में प्रवास कर रहे हैं. उन्होंने कहा, भाजपा सरकार ने पिछले 3.5 साल में काम नहीं किया है जिस कारण उन्हें इस तरह के आउटरीच के लिए मजबूर होना पड़ा है.
वे लोगों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. दूसरी ओर, लिंगायत समुदाय आहत है. वे इन गलतियों को ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं. अहमद ने कहा, लेकिन, यह किसी भी तरह से कांग्रेस पार्टी को प्रभावित नहीं करेगा क्योंकि कर्नाटक की राजनीति अन्य राज्यों से अलग है. राजनीति करने के लिए लोगों के साथ घनिष्ठ संबंध होना चाहिए.
उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश मॉडल अलग है. कोई पूरे दक्षिण भारत की स्थिति पर विचार कर सकता है. जहां भी लोग सोचते-समझते हैं, वहां भाजपा सफल नहीं है. पश्चिम बंगाल में भाजपा ने पूरी कोशिश की. क्या हुआ? अहमद ने कहा, भाजपा को कोई सीट नहीं मिलेगी. पिछले लोकसभा चुनाव में स्थिति अलग थी. वर्तमान स्थिति अलग है. कांग्रेस को राज्य में आसानी से बहुमत मिलेगा.
(इनपुट- आईएएनएस)
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