नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी दल को एक और झटका देते हुए बुधवार को त्रिपुरा विधानसभा से इस्तीफा देने वाले भाजपा विधायक दीबा चंद्र हरंगखाल गुरुवार को कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बिराज सिन्हा ने क्या कहा?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बिराज सिन्हा और पार्टी के इकलौते विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने अलग-अलग आईएएनएस से बात करते हुए बताया कि गुरुवार को एक बड़ी जनसभा में हरंगखाल विभिन्न दलों के कुछ अन्य नेताओं के साथ कांग्रेस में शामिल होंगे.
#BJP MLA #DibaChandraHrangkhawl, who resigned from the Tripura Assembly, giving another jolt to the ruling party ahead of the Assembly polls, would join the opposition #Congress on Thursday. pic.twitter.com/gnahzgunCu
— IANS (@ians_india) December 28, 2022
किन-किन विधायकों ने भाजपा को दिया झटका?
रॉय बर्मन, हरंगखाल सहित छह अन्य विधायक और कई नेताओं ने 2016 में कांग्रेस छोड़ दी थी और तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए. हालांकि, बाद में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. रॉय बर्मन और भाजपा के तीन विधायक- बरबा मोहन त्रिपुरा, आशीष दास और आशीष कुमार साहा ने भी इस साल बीजेपी का साथ छोड़ दिया.
दास पिछले साल तृणमूल में शामिल हुए थे, लेकिन इस साल मई में उन्होंने तृणमूल भी छोड़ दी, जबकि पूर्व मंत्री रॉय बर्मन और साहा इस साल फरवरी में कांग्रेस में शामिल हो गए. जबकि बरबा मोहन त्रिपुरा प्रभावशाली आदिवासी-आधारित पार्टी तिप्राहा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन (टीआईपीआरए) में शामिल हो गए, जिसका नेतृत्व पूर्व शाही वंशज प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मन कर रहे हैं.
कांग्रेस ने ट्वीट कर बीजेपी पर कसा तंज
त्रिपुरा कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके भाजपा पर तीखा तंज कसा गया है. ट्वीट में लिखा गया है कि 'दीबा चंद्र हरंगखाल ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया. विधायक खुद कर रहे मुंह मोड़ अब जनता की बारी!'
বিজেপি থেকে ইস্তফা দিলেন Diba Chandra Hrangkhawl ।
খোদ বিধায়ক মুখ ফিরিয়ে নিচ্ছে, এবার জনতার পালা ! pic.twitter.com/itJ6Zb80Ii— Tripura Congress (@INCTripura) December 28, 2022
उत्तरी त्रिपुरा के उनाकोटी जिले में करंचरा विधानसभा सीट से विधानसभा के लिए चुने गए अनुभवी आदिवासी नेता हरंगखाल, बीजेपी के 5वें विधायक और बीजेपी-आईपीएफटी (इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा) के 8वें विधायक हैं जिन्होंने गठबंधन छोड़ दिया है. पूर्व विधायक साहा सहित कई कांग्रेस नेताओं के साथ, 66 वर्षीय विधायक ने बुधवार को विधानसभा सचिव बिष्णु पाडा करमाकर को अपना इस्तीफा सौंपा, क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष रतन चक्रवर्ती त्रिपुरा से बाहर हैं.
अपने इस्तीफे पर क्या बोले हरंगखाल?
करमाकर ने आईएएनएस से कहा, राज्य में लौटने के बाद हरंगखाल का इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष द्वारा स्वीकार किया जाएगा. 1988 के बाद से चार बार राज्य विधानसभा के लिए चुने गए हरंगखाल ने अपना त्याग पत्र सौंपने के बाद मीडिया को बताया कि उन्होंने व्यक्तिगत आधार पर पार्टी और विधानसभा की सदस्यता छोड़ी है.
बीजेपी से कांग्रेस विधायक बने और पूर्व मंत्री सुदीप रॉय बर्मन के करीबी आदिवासी नेता ने कहा, मैं अपने भविष्य के कदम के बारे में जल्द ही फैसला करूंगा. भाजपा के सहयोगी आईपीएफटी विधायक मेवार कुमार जमातिया, बृषकेतु देबबर्मा और धनंजय त्रिपुरा ने भी सत्ताधारी दलों और सरकार के साथ खुले मतभेदों के बाद टीआईपीआरए में शामिल होने से पहले पार्टी और विधानसभा छोड़ दी थी.
फरवरी 2023 में त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है. भाजपा, आदिवासी-आधारित पार्टी आईपीएफटी के साथ गठबंधन में, 2018 के विधानसभा चुनावों में सीपीआई-एम के नेतृत्व वाले वामपंथी दलों को हराकर सत्ता में आई थी. पिछले विधानसभा चुनावों में, भाजपा और आईपीएफटी ने 60 सदस्यीय सदन में क्रमश: 36 और 8 सीटें हासिल कीं, जबकि माकपा को 16 सीटें मिलीं.
(इनपुट: आईएएनएस)
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