Battle of Bengal: खिसियाई ममता दीदी, गुंडाराज पर आई..!

2021 में ममता बनर्जी चुनावी जीत की हैट्रिक लगाना चाहती हैं. लेकिन बंगाल में भगवा की बढ़ती लहर से वो हिल गई हैं. लिहाजा बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर टीएमसी की तरफ से हमले बढ़ गए हैं. 

Written by - Rajendra Kumar | Last Updated : Dec 27, 2020, 01:16 PM IST
  • बीजेपी कार्यकर्ताओं पर टीएमसी के गुंडों का हमला
  • पुलिस ने घेरा बनाकर बीजेपी नेता की कार बचाई
  • अबतक बंगाल में बीजेपी के 133 कार्यकर्ताओं की हत्या
Battle of Bengal: खिसियाई ममता दीदी, गुंडाराज पर आई..!

कोलकाता: बंगाल के सियासी रक्तचरित्र में हर रोज एक नया चैप्टर जुड़ता जा रहा है. सूबे में 2021 की शुरुआत में चुनाव होने हैं लेकिन जैसे-जैसे सियासी समर की तारीख नजदीक आ रही है हिंसा और हमले तेज होते जा रहे हैं. बंगाल का इतिहास रहा है कि जो भी पार्टी सत्ता में होती है हिंसक हमले सबसे ज्यादा उसी की तरफ से होते हैं. बंगाल में बीते 10 साल से ममता बनर्जी मुख्यमंत्री हैं और तृणमूल कांग्रेस की सरकार है. 

2021 में ममता बनर्जी चुनावी जीत की हैट्रिक लगाना चाहती हैं. लेकिन बंगाल में भगवा की बढ़ती लहर से वो हिल गई हैं. लिहाजा बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर टीएमसी (TMC) की तरफ से हमले बढ़ गए हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का आरोप है कि इस साल बंगाल में बीजेपी के 130 कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है. बीजेपी सवाल उठा रही है कि भगवा लहर से खिसियाई दीदी अब गुंडाराज पर उतर आई है.

बीजेपी से डरी दीदी को अब गुंडों का सहारा

बंगाल में बीजेपी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष कोलकाता में पार्टी कार्यकर्ताओं पर टीएमसी के हमले से इस कदर नाराज हैं कि उन्होंने उत्तर 24 परगना के बामनघाट में अपना गुस्सा काबू नहीं कर पाए. नाराज घोष ने कहा कि अगर उन्होंने मारना शुरू कर दिया तो तृणमूल वालों को बैंडेज लगाने की जगह नहीं मिलेगी. दरअसल कोलकाता में तृणमूल की बैठक थी तभी बीजेपी के कार्यकर्ता पार्टी दफ्तर की तरफ जा रहे थे. 

अभी पार्टी दफ्तर से चंद कदम की दूरी पर ही बीजेपी के कार्यकर्ता पहुंचे थे कि वहां अचानक झंडे- डंडे लेकर तृणमूल के कार्यकर्ता पहुंच गए . तृणमूल कार्यकर्ताओं के हिंसक इरादों को देखकर बीजेपी कार्यकर्ता सहम उठे. गनीमत रही कि मौके पर फौरन पुलिस पहुंच गई और किसी तरह से उन्हें सुरक्षित पार्टी दफ्तर तक पहुंचाया.

बंगाल का रक्तचरित्र

बंगाल में बीजेपी प्रखर राष्ट्रवाद के सहारे अपनी जमीन मजबूत कर रही है. शाह के पिछले दौरे में रोड शो के दौरान उमड़ी भीड़ से ममता बनर्जी बौखला गई हैं. 19 और 20 दिसंबर को दो दिन के अमित शाह के दौरे पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बाइक रैली निकाली तब भी टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने हमले की कोशिश की. दिसंबर के दूसरे हफ्ते में जब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा डायमंड हार्बर के दौरे पर जा रहे थे अचानक 200 से ज्यादा लोगों की भीड़ ने उनके काफिले पर हमला कर दिया. दीदी के गुंडे लाठी डंडों और बड़े- बड़े पत्थरों को लेकर हमला करने पहुंचे थे. 

जेपी नड्डा हिंसक भीड़ के हमले में बाल- बाल बच गए थे. बीजेपी के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के हाथ पर लगे एक भारी भरकम पत्थर से काफी चोट आई थी. नाराज कैलाश विजयवर्गीय ने सवाल पूछा है कि आखिर बंगाल में हिंसा का दौर कबतक चलेगा..इसका जवाब ममता दीदी को देना होगा. लेकिन ममता दीदी पलटकर बीजेपी पर सवाल उठाते हुए कहती हैं कि भाड़े के लोगों से बीजेपी बंगाल में हिंसा करा रही है. बहरहाल आरोप- प्रत्यारोप के बीच एक बात साफ है कि बंगाल भीषण खून खराबे के दौर से गुजर रहा है . 

टीटागढ़ में बीजेपी पार्षद मनीष शुक्ला की हत्या कर दी गई और उत्तर दिनाजपुर में बीजेपी विधायक देवेंद्र नाथ रॉय की हत्या के आरोप भी टीएमसी पर ही लगे हैं. बंगाल के सियासी संग्राम में सबसे ज्यादा हमले बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हो रहे हैं ये भी बंगाल की कड़वी सच्चाई है जिसे सिर्फ बयान देकर दीदी नकार नहीं सकती.

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बंगाल में जय श्रीराम से शाह को मिली शक्ति

बंगाल में टीएमसी के पास सॉलिड मुस्लिम वोटबैंक है जिसे खुश करने के लिए दीदी ने 10 साल में खूब तुष्टिकरण किया है ऐसे आरोप बीजेपी लगाती है. बीजेपी के आरोप दीदी के उन बयानों और अंदाज से भी सही लगते हैं जब वो जयश्रीराम का नारा लगाने पर भड़क उठती हैं और गुस्से में कार से उतरकर नारा लगाने वालों की खाल खींच लेने की धमकी देती हैं. लेकिन बीजेपी के चुनावी चाणक्य अमित शाह ने जय श्रीराम की हुंकार से ही दीदी को परास्त करने का रास्ता ढूंढा है. 

शाह जब जब बंगाल की धरती पर आते हैं तो जयश्री राम का नारा जरूर लगाते हैं इससे बीजेपी कार्यकर्ताओं का जोश हाई हो जाता है. शाह बखूबी जानते हैं कि बंगाल की लड़ाई जीतने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं का हौसला बुलंद रखना होगा अगर ऐसा करने में बीजेपी नाकाम रही तो फिर टीएमसी से भिड़ना मुश्किल होगा.

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