नई दिल्लीः बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने रविवार को वादा किया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश को एक अलग राज्य बनाने के लिए ठोस कदम उठाया जाएगा. उन्होंने कहा,'पश्चिमी उप्र के लोग लंबे समय से अलग राज्य की मांग करते आ रहे हैं. अगर केंद्र में हमारी सरकार आती है तो पश्चिमी उप्र को एक अलग राज्य बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे.
कहा- बीजेपी के तीसरी बार आने की संभावना कम
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से बसपा उम्मीदवार दारा सिंह प्रजापति के समर्थन में एक रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि भाजपा के तीसरी बार सत्ता में आने की संभावना बहुत कम है. उन्होंने कहा, अगर स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव होते हैं और वोटिंग मशीनों के साथ छेड़छाड़ नहीं की जाती तो भाजपा सत्ता में नहीं लौटेगी. मायावती ने आरोप लगाया, "भाजपा का सबसे ज्यादा समय अमीर कारोबारियों को और अमीर बनाने और उन्हें हर स्तर पर बचाने में बीता है.
भाजपा और दूसरी पार्टियां इन्हीं कारोबारों के सहारे अपना संगठन चलाती हैं और चुनाव लड़ती हैं, जिसका खुलासा चुनावी बॉन्ड के आंकड़ों से हुआ है." पूर्व मुख्यमंत्री ने पिछड़े समुदाय के लोगों के लिए आरक्षित खाली सीटों पर लोगों की भर्ती नहीं करने और पदोन्नति में आरक्षण को निरर्थक बनाने के लिए विपक्षी दलों पर हमला बोला.
धर्म के नाम पर बढ़ी हिंसा
मायावती ने कहा, "पिछले कुछ वर्षों में केंद्र और ज्यादातर राज्यों में भाजपा सरकार होने से मुसलमानों की प्रगति काफी हद तक रुक गई है. यहां धर्म के नाम पर हिंसा भी बढ़ी है.'' उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा शासन में सामान्य वर्ग को भी कोई लाभ नहीं मिला है. उन्होंने अपने समर्थकों को सचेत किया कि वे भाजपा के पक्ष में मीडिया द्वारा किये जा रहे प्रचार और अन्य राजनीतिक दलों द्वारा जारी किये गये झूठे वादों वाले घोषणापत्रों के प्रलोभन में न आयें.
मायावती ने गरीबों को मुफ्त राशन मुहैया कराने को लेकर भी केंद्र पर निशाना साधा और कहा कि सच्चा विकास तभी हो सकता है जब लोगों को रोजगार दिया जाए. मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से बसपा के प्रजापति का मुकाबला भाजपा के संजीव कुमार बालियान और सपा के हरेंद्र सिंह मलिक से है. चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक, उप्र की आठ संसदीय सीटों सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना (आरक्षित), मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत में 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान होगा.
वोटों की गिनती चार जून को होगी. बसपा ने पिछला लोकसभा चुनाव (2019) सपा के साथ मिलकर लड़ा और राज्य की 80 सीटों में 10 सीटों पर जीत हासिल की थी हालांकि मायावती ने इस बार अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की है.
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