नई दिल्लीः बिहार के सीएम नीतीश कुमार लॉकडाउन के दौर में बुरे फंसे हैं. अलग-अलग राज्यों में उनकी सरकार के खिलाफ विरोध का सुर उठ रहा है. देश भर में जहां-जहां बिहार के लोग फंसे हैं वह नीतीश सरकार पर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं.
यूपी की योगी सरकार ने कोटा में रहकर पढ़ाई और तैयारी कर रहे अपने छात्रों को बुला लिया है, वह घर पहुंच गए हैं, लेकिन बिहार के छात्र बिहार सरकार की ओर से ऐसा न हो पाने के कारण मायूस हैं. ऐसे में जो हालात बन रहे हैं वह इशारा कर रहे हैं कि कोरोना संकट नीतीश की चुनावी नइया भी डुबो सकता है.
ऐसे अनुमान के कारण हैं
दरअसल, लॉकडाउन के कारण कोटा में बिहार के काफी छात्र फंसे हैं. इन छात्र-छात्राओं को लेकर बिहार में नेताओं की बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. सीएम नीतीश कुमार पर लगातार इन छात्रों को वापस लाए जाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है.
भाजपा के कई नेता इस ओर नीतीश कुमार का ध्यान आकर्षित करा चुके हैं, लेकिन अभी सीएम की ओर से इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है. बिहार में इस साल चुनाव भी होने वाले हैं. ऐसे में कोरोना संकट खत्म होने के बाद जब चुनाव होंगे तो क्या चुनावी प्रचार और सभाएं लोगों के मन से इस याद को हटा पाएंगीं.
भाजपा एमएलसी संजय पासवान ने चेताया
बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री व वर्तमान में भाजपा एमएलसी संजय पासवान ने भी कोटा में फंसे बच्चों पर चिंता जाहिर की. उन्होंने सीएम से बच्चों को वापस लाने का अनुरोध किया. इसके साथ ही उन्होंने ऐसा करना राजनीतिक कारणों से भी जरूरी बताया है.
No. of children may only be 1000 but 1 Lakh families are affected due to it, they have sympathy for these children. If 1 Lakh families have 5 voters each, 5 Lakh votes will be affected. So I request the CM to bring back our children from Kota & Pune: Sanjay Paswan, BJP MLC #Bihar https://t.co/UXSlQF0UhT
— ANI (@ANI) April 29, 2020
कहा कि यह कोरोना पूरा राजनीतिक समीकरण बिगाड़ देगा. उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन में फंसे बच्चों की संख्या केवल एक हजार हो सकती है, लेकिन इन बच्चों के फंसे होने के कारण 1 लाख परिवार प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने कहा इन बच्चों के प्रति उनकी सहानुभूति है. अगर एक लाख परिवारों में 5 मतदाता हैं, तो 5 लाख मत प्रभावित होंगे.
चेताया.. इस साल चुनाव होने वाले हैं
पासवान ने यह भी कहा कि लॉकडाउन के चलते बाहरी प्रदेशों में फंसे बच्चों को वापस लाना सीएम का कर्तव्य है. बच्चों को वापस न लाने से सरकार को राजनीतिक नुकसान भी हो रहा है. इस साल चुनाव भी होने वाले हैं. उन्होंने कहा प्रदेश के सभी मध्यमवर्गीय परिवारों का 1 बच्चा कोटा में पढ़ता है.
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इन नेताओं ने भी जाहिर की चिंता
कोटा में फंसे बच्चों को लेकर कई नेता अपनी चिंता जता चुके हैं. भाजपा सांसद रामकृपाल यादव ने भी बुधवार को सीएम से बच्चों को वापस लाने का उपाय निकालने की अपील की. बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा.संजय जायसवाल व उनके साथ कई भाजपा नेताओं पहले ही कोटा मामले में चिंता जाहिर की है.
सांसद ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री को कोटा में फंसे छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावक की चिंता की भी फिक्र करनी चाहिए.
छात्र जता रहे हैं रोष
बिहार के छात्रों ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. छात्र अपनी सरकार के खिलाफ अब खुलकर बोल रहे हैं. वह कह रहे हैं कि राजनीति छोड़ो हमे घर जाना हैं. उनका कहना है कि जब योगी सरकार अपने बच्चों को कोटा से निकाल सकती है और निकाल रही है तो नीतीश योगी सरकार के कदम पर ही सवाल उठा रहे हैं.
ऐसे में छात्रों का गुस्सा नीतीश सरकार के खिलाफ बढ़ रहा है और छात्र अपनी ही सरकार को कोस रहे हैं. यह छात्र बिहार के वोटर भी हैं तो आगे चुनावी माहौल बनने पर इसका क्या असर पड़ेगा, वक्त ही बताएगा.