लखनऊ: दो दिन से उत्तरप्रदेश पंचायत चुनाव (UP Panchayat Election 2021) के आरक्षण (Panchayat Reservation) को लेकर एक फर्जी सूची सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही है और दावा किया जा रहा है कि ये यूपी सरकार (UP Government) द्वारा जारी की गई 2021 पंचायत चुनाव की आरक्षण लिस्ट है.
आपको बता दें कि ये सरासर झूठ है क्योंकि अब तक उत्तरप्रदेश सरकार ने आरक्षण की किसी भी सूची को मंजूरी नहीं दी है. उत्तरप्रदेश के पंचायती राज मंत्रालय के मुताबिक प्रधानी, जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे प्रत्याशियों को अभी फाइनल आरक्षण सूची का इंतजार करना पड़ सकता है.
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15 फरवरी तक स्पष्ट होगी पूरी तस्वीर
गौरतलब है कि कौन से वार्ड और ग्राम सभा में किस जाति के लिए चुनाव लड़ने को सीट अरक्षित की गयी है, इसके लिए उम्मीदवारों को अभी थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा. आरक्षण की इस लिस्ट के लिए 22 जनवरी की तारीख सुनिश्चित की गयी थी जोकि बीत चुकी है, लेकिन अभी तक आरक्षण लिस्ट के बारे में कोई भी सूचना जारी नहीं हुई है. जानकारी के अनुसार पंचायत चुनाव के आरक्षण को लेकर अभी तक सरकार में बैठकें चल रही हैं.
ग्राम विकास राज्य मंत्री आनंद स्वरुप शुक्ला के मुताबिक 15 फ़रवरी तक स्थिति साफ हो सकती है. ऐसे में माना यही जा रहा है कि पंचायत चुनाव में अभी और देरी हो सकती है.
आरक्षण सूची का बेसब्री से इंतजार
उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सरगर्मियां तेज हैं. एक तरफ जहां प्रत्याशियों ने अपनी कमर कस ली है वहीं पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से तैयार है.
अब गांव में ग्राम प्रधान, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्यों के लिए आने वाली आरक्षण सूची का इंतजार किया जा रहा है. एक बार आरक्षण सूची जारी होने के बाद चुनावी गहमागहमी चरम पर पहुंच जाएगी. ये पंचायत चुनाव योगी आदित्यनाथ सरकार के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इनका असर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी पड़ेगी.
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