Madhya Pradesh Chunav: एमपी के लिए बीजेपी बना रही है ये प्लान, जानिए क्या है 50 फीसदी वाला फॉर्मूला

मध्य प्रदेश में सियासी उठापटक का दौर शुरू हो चुका है. एमपी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी सियासी पार्टियां अपनी एड़ी-चोटी का जोर लगा रही हैं. इस बीच बीजेपी भी अपनी सरकार को बचाने की कोशिशों में जुट गई है. आपको इस रिपोर्ट में समझाते हैं कि भाजपा कैसे आधी आबादी पर जोर दे रही है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 7, 2023, 03:16 PM IST
  • मध्य प्रदेश में क्या है बीजेपी की तैयारी?
  • भाजपा का आधी आबादी पर पूरा जोर
Madhya Pradesh Chunav: एमपी के लिए बीजेपी बना रही है ये प्लान, जानिए क्या है 50 फीसदी वाला फॉर्मूला

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा पूरा जोर धीरे-धीरे आधी आबादी को लुभाने में लगा रही है. यही कारण है कि सत्ता और संगठन दोनों ही आधी आबादी को खुश करो अभियान में जुटे नजर आते हैं. सरकार जहां सौगातें दे रही है तो वहीं संगठन उनकी महत्वपूर्ण काम में हिस्सेदारी बढ़ाने में जुटा हुआ है.

आधी आबादी पर बीजेपी और शिवराज सरकार का जोर
राज्य में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और भाजपा को इस बात का अहसास है कि किसी तरह की कमी उसके नुकसान का कारण बन सकती है. लिहाजा पार्टी और सरकार हर मोर्चे पर सक्रिय है. इसके चलते सरकार और संगठन का सबसे ज्यादा जोर आधी आबादी पर है. वैसे पार्टी जनजातीय और अनुसूचित जनजातीय के करीब भी पहुंचने की कोशिश में लगी हुई है. बीते कुछ दिनों में यही संकेत मिले हैं कि राज्य में आधी आबादी पर पार्टी का पूरा जोर है.

राज्य में पात्र महिलाओं को एक हजार रुपये माह की आर्थिक मदद देने के मकसद से लाडली बहना योजना को अमल में लाया गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि लाडली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना और अब मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना बेटियों और बहनों की जिंदगी बदलने का अभियान है.

बेटियों के लिए शिवराज सिंह चौहान ने क्या कहा?
वहीं सत्ता में भी उनकी हिस्सेदारी बढ़ाने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, प्रदेश में पंचायत एवं नगरीय निकायों के निर्वाचन में बेटियों को 50 प्रतिशत और पुलिस की भर्ती में 30 प्रतिशत स्थान आरक्षित किए गए हैं. शिक्षकों की भर्ती में आधे स्थान बेटियों के लिए रखे गए हैं. रजिस्ट्री में पुरुषों को जहां तीन प्रतिशत स्टाम्प शुल्क लगता है, वहीं महिलाओं को एक प्रतिशत स्टाम्प शुल्क की सुविधा दी गई है.

इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास और मुख्यमंत्री आवासीय भूमि योजना में संपत्ति के मालिक पति और पत्नी दोंनों होते हैं. महिलाओं के लिए अलग से इंडस्ट्रियल स्टेट बनाया जा रहा है. एक तरफ जहां सरकार महिलाओं के लिए योजनाओं को अमली जामा पहना रही है, वहीं संगठन भी महिलाओं को महत्व दे रहा है. प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि निकाय चुनाव में बड़ी संख्या में महिला जनप्रतिनिधि चुनी गई हैं, जो हमारी ताकत हैं. सभी 64100 बूथों पर 33 प्रतिशत आरक्षण के साथ महिला कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की जाएगी.

ऐसा नहीं है कि कांग्रेस महिलाओं को लुभाने में पीछे है, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने कांग्रेस के सत्ता में आने पर महिलाओं को पंद्रह सौ रुपये माह देने के साथ गैस सिलेंडर की दर पांच सौ रुपये किए जाने का ऐलान किया है.
(इनपुट-आईएएनएस)

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