नई दिल्ली: कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में दो ‘तड़ीपार’ उम्मीदवार- विनय कुलकर्णी और जी जर्नादन रेड्डी भी अपनी-अपनी किस्मत आजमा रहे हैं और एक अलग चुनावी तस्वीर पेश कर रहे हैं. कांग्रेस उम्मीदवार कुलकर्णी धारवाड़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन उन्हें जिले में प्रवेश की अनुमति नहीं है, जबकि बेल्लारी जिले में प्रवेश पर अदालत द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के कारण रेड्डी ने बेल्लारी शहर में अपनी पत्नी को मैदान में उतारा है, जबकि खुद कोप्पल जिले के गंगावती क्षेत्र से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है.
कांग्रेस उम्मीदवार कुलकर्णी धारवाड़ को जानिए
कुलकर्णी की ओर से उनकी पत्नी शिवलीला ने नामांकन दाखिल किया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'हमारे समर्थक इस दृढ़ विश्वास के साथ हमारा समर्थन कर रहे हैं कि 'साहेब' यहां आएंगे. उनकी अनुपस्थिति में मैं मतदाताओं से आशीर्वाद मांग रही हूं कि वे (मतदाता) मुझे 'साहेब' मानें.' चूंकि अपने मतदाताओं तक पहुंचने के लिए वीडियो और फोन कॉल ही एकमात्र साधन हैं.
कुलकर्णी ने एक वीडियो संदेश में कहा, 'मैं आपके और अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए खुद को समर्पित कर दूंगा. आप मेरी ताकत हैं, जिन्होंने आज मेरा समर्थन किया.' पूर्व मंत्री कुलकर्णी को जून 2016 में भाजपा नेता और जिला पंचायत सदस्य योगेशगौड़ा गौदर की हत्या के मामले में नवंबर 2020 में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. उन्हें उच्चतम न्यायालय द्वारा इस शर्त पर जमानत दी गई थी कि उन्हें अदालत की अनुमति के बिना धारवाड़ में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी.
कारोबारी जनार्दन रेड्डी का क्या है मामला?
धारवाड़ को कर्नाटक की सांस्कृतिक राजधानी की भी संज्ञा दी जाती है. 'बेल्लारी के रेड्डी ब्रदर्स' के रूप में चर्चित पूर्व खनन कारोबारी जनार्दन रेड्डी का मामला कुलकर्णी की तुलना में बहुत अलग नहीं है. भाजपा के पूर्व मंत्री रेड्डी को शीर्ष अदालत ने अवैध खनन मामले में कर्नाटक के बेल्लारी और आंध्र प्रदेश के अनंतपुर तथा वाईएसआर कडप्पा जिलों में प्रवेश से प्रतिबंधित किया हुआ है. रेड्डी ने भाजपा से नाता तोड़कर ‘कल्याण राज्य प्रगति पक्ष’ (केआरपीपी) नामक पार्टी बनाई थी.
उनके भाई जी करुणाकर रेड्डी और जी सोमशेखर रेड्डी अब भी भाजपा के साथ हैं और पार्टी के टिकट पर क्रमश: बेल्लारी (शहर) और हरपनहल्ली से चुनाव लड़ रहे हैं. चूंकि जर्नादन रेड्डी को बेल्लारी में प्रवेश की अनुमति नहीं है, इसलिए रेड्डी ने कोप्पल जिले में पड़ोसी गंगावती क्षेत्र से चुनाव लड़ने का फैसला किया. केआरपीपी नेता ने अपने भाई सोमशेखर रेड्डी के खिलाफ बेल्लारी (शहर) निर्वाचन क्षेत्र से अपनी पत्नी लक्ष्मी अरुणा को मैदान में उतारा है.
नामांकन के दिन लक्ष्मी अरुणा की आंखों में आंसू
नामांकन पत्र दाखिल करने के दिन लक्ष्मी अरुणा की आंखों में आंसू थे, क्योंकि नामांकन दाखिल करने के दौरान उनके पति उनके साथ नहीं थे. उन्होंने रिंग रोड, हवाई अड्डे, सुपरस्पेशलिटी अस्पताल और पीने के पानी जैसी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए मतदाताओं का आशीर्वाद मांगा, जिसे जनार्दन रेड्डी ने शुरू किया था, लेकिन इनका काम ‘बीच में ही रुक गया.’
जनार्दन रेड्डी ने कहा था, 'मैं केवल उन निर्वाचन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं जहां मेरे पास चुनाव जीतने की गुंजाइश है. मेरा लक्ष्य 20 से 28 सीट जीतना है. मैं उपलब्ध ताकत के साथ बूथ स्तर पर पार्टी का निर्माण कर रहा हूं.' तड़ीपार जर्नादन रेड्डी अपनी पत्नी या किसी अन्य उम्मीदवार के लिए प्रचार नहीं कर सकते, जिन्हें पार्टी ने बेल्लारी जिले में उतारा है.
(इसे भी पढ़ें- भाषा)
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