नई दिल्ली: Vikramaditya Singh Vs Kangana Ranaut: भाजपा ने हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से अभिनेत्री कंगना रानौत को प्रत्याशी बनाया है. कंगना को हराने के लिए कांग्रेस ने रणनीति बनाना शुरू कर दी है. पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने एक बैठक में कहा, 'कंगना को हराना ही होगा'. इसके लिए मंडी सीट से कांग्रेस शिमला-रूरल के विधायक विक्रमादित्य सिंह पर दांव खेल सकती है. आइए, जानते हैं कि विक्रमादित्य ही इस सीट के लिए कांग्रेस की पहली पसंद क्यों हैं?
प्रतिभा सिंह कर चुकीं इशारा
हाल ही में विक्रमादित्य सिंह की मां और हिमाचल प्रदेश में PCC की चीफ प्रतिभा सिंह ने अपने एक बयान से बेटे की दावेदारी मजबूत कर दी. उन्होंने कहा, 'BJP ने मंडी सीट से कंगना रनौत को उतारा है, जो युवा हैं. इसलिए उनके मुकाबले में भी एक युवा को ही उतारा जाना चाहिए. मंडी से विक्रमादित्य सिंह के नाम को लेकर भी चर्चा हुई. हालांकि, अभी नाम फाइनल नहीं हुआ है.'
कौन हैं विक्रमादित्य सिंह?
विक्रमादित्य सिंह 1989 को जन्में थे. उनकी शुरुआती पढ़ाई बिशप कॉटन स्कूल हुई. फिर उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफन्स कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. फिर यहीं से हिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुशन भी किया. विक्रमादित्य 2013 से 2018 तक हिमाचल प्रदेश यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. वे शिमला ग्रामीण सीट से 2022 में विधायक बने और सुक्खू कैबिनेट में मंत्री भी बने.
कांग्रेस की पहली पसंद विक्रमादित्य ही क्यों?
1. युवा चेहरा
विक्रमादित्य सिंह युवा हैं, उनकी उम्र 34 साल है. कंगना की प्रसिद्धि युवा वोटर्स में अधिक है, इसलिए कांग्रेस भी यहां से एक युवा को चुनावी मैदान में उतारना चाहती है. प्रतिभा सिंह कह चुकी है कि विक्रमादित्य सिंह युवा और ऊर्जावान हैं. यह फैक्टर उनके पक्ष में जाता हैं. विक्रमादित्य यूथ आइकॉन है.
2. सीट से पुराना नाता
मंडी लोकसभा सीट से विक्रमादित्य सिंह के परिवार का पुराना नाता है. इस सीट पर विक्रमादित्य सिंह के परिवार को 6 बार जीत मिली. तीन बार विक्रमादित्य के पिता वीरभद्र सिंह सांसद रहे. तीन बार विक्रमादित्य की मां प्रतिभा सिंह ने यहां से जीत दर्ज की. फिलहाल यहां से प्रतिभा सिंह ही सांसद हैं.
3. मजबूत विरासत
विक्रमादित्य सिंह प्रदेश के जाने-पहचाने चेहरे हैं. उनके पिता तीन बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं. मां प्रतिभा सिंह PCC की चीफ हैं. प्रदेश में वे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बाद दूसरा पावर सेंटर हैं. उनका नाम CM रेस में भी था. खुद विक्रमादित्य भी सुक्खू सरकार में मंत्री रहे हैं.
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