नई दिल्ली: Amrish Puri Birth Anniversary: हिंदी सिनेमा में अपने अभिनय का दमखम भरने वाले दिग्गज अभिनेता अमरीश पुरी भले ही हमारे बीच न हो, लेकिन उनकी यादें आज भी हमारे जहन में है. पुरी के दमदार किरदार आज भी लोगों को पसंद आते है, वहीं दशर्क उसी क्रेज के साथ उन्हें देखते हैं. अमरीश पुरी बॉलीवुड के ऐसे फेमस विलेन की लिस्ट में शुमार हैं, जिन्हें फैंस ने नेगेटिव रोल निभाने के बाद भी सराखों पर बिठाया.
1956 में हुई करियर की शुरुआत
अमरीश पुरी ने अपने करियर की शुरुआत साल 1956 में फिल्म 'भाई-भाई' से की थी. इस फिल्म ने उन्हें खास पहचान तो नहीं दिलाई पर इसके बाद वह प्रेम पुजारी, रेशमा और शेरा, हलचल, हिंदुस्तान की कसम, सलाखें, डाकू, गदर, मिस्टर इंडिया, दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे, मोहब्बतें, घायल, मुझसे शादी करोगी, चोरी-चोरी चुपके-चपके, कोयला, रिश्ते जैसी कई फिल्मों में काम किया.
अमरीश पुरी ने चार दशक से ज्यादा समय तक ऑडियंस का मनोरंजन किया. उन्होंने लगभग 400 के करीब फिल्मों में काम किया.
किरदारों को बना दिया आइकॉनिक
अमरीश पुरी एक्टिंग के लिए जुनूनी थे. उन्होंने हर जॉनर के किरदारों को निभाया और दर्शकों का प्यार हासिल किया. अमरीश पुरी को बॉलीवुड का 'मोगेम्बो' भी कहा जाता था. उनका ये किरदार अमर हो गया.
वहीं घायल के बलवंत राय हो या कोयला के राजा जी तक हर किरदार में उन्होंने ने जान डाल दी.
बेटे को फिल्में न करने की दी थी सलाह
इतने सफल अभिनेता होने के बाद भी अमराश पुरी ने अपने बेटे को हमेशा फिल्म इंडस्ट्री से दूर रहने की सलाह दी. वजह ये है कि अमरीश पुरी के लिए भी बॉलीविड में शुरुआत करना आसान नहीं था. मुंबई एक्टर बनने आए पुरी को कई बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा था. वहीं उस टाइम बॉलीवुड की स्थिति भी अच्छी नहीं थी, वह नहीं चाहते थे कि उनका बेटा सालों साल संघर्ष करता रहे.
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