नई दिल्ली: बॉलीवुड एक्टर अरशद वारसी किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. उन्होंने अपने लंबे फिल्मी करियर में एक से एक किरदारों को बहुत खूबसूरती से दर्शकों के सामने पेश किया है. अक्सर लोग उनके बारे में नई बातें जानने के लिए बेताब रहते हैं. ऐसे में अब अरशद ने अपनी जिंदगी का वो सच बताया है, जिसके बारे में जानने के बाद उनके चाहने वाले थोड़े भावुक हो सकते हैं. एक्टर ने हाल ही में अपने बचपन के दिनों में लगातार घर बदलने और कम उम्र में अपने माता-पिता को खोने की घटना को याद करते हुए कहा कि यह उनके लिए आसान जिंदगी नहीं था.
अरशद को याद आया बचपना
अरशद इन दिनों डांस रियलिटी शो 'झलक दिखला जा' में जज के तौर पर नजर आ रहे हैं. अरशद का जन्म म्यूजिशियन अहमद अली खान के घर मुंबई में हुआ था. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा महाराष्ट्र के नासिक के एक बोर्डिंग स्कूल में की. वह बहुत कम उम्र में ही अनाथ हो गए थे और अपने शुरुआती दिनों में उन्हें मुंबई में जीवनयापन के लिए संघर्ष करना पड़ा था.
अरशद वारसी हो गए भावुक
अपने सफर को याद करते हुए अरशद ने शो में बताया, 'हमारी स्थिति बड़ी अजीब थी. एक दौर था जब मैं बोर्डिंग स्कूल जाता था और जब लौटता था तो हम उस घर से शिफ्ट हो जाते थे. मैं बहुत छोटा था, लगभग 10-12 साल का. मुझे नहीं पता था कि क्या हो रहा है.' एक्टर 'जो भेजी थी दुआ' गाने पर पहलवान संगीता फोगाट की परफॉर्मेंस देखकर काफी भावुक हो गए.
16-17 की उम्र में हो गया था पेरेंट्स का निधन
अरशद ने कहा, 'हमें हमेशा कहानियां सुनाई जाती थीं कि वहां कुछ रिनोवेशन चल रहा है, और हम यहां कुछ दिन रुकेंगे, फिर वापस चले जाएंगे. मैं बार-बार जाता और हर बार घर छोटा होता जाता. यह मूलतः कठिनाइयों की एक साइकिल थी, जो खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही था. जब मैं लगभग 16-17 साल का था, तब मेरे माता-पिता का निधन हो गया.'
जिंदगी जीना नहीं था आसान
एक्टर ने आगे कहा, 'मैंने खुद को बड़ा किया, बिंदुओं को जोड़कर और जीवन के माध्यम से अपने तरीके से लड़ते हुए. यह आसान जीवन नहीं था और आप जानते हैं, मैं जीवन को एक अलग दृष्टिकोण से देखता हूं. अगर मेरा जीवन आसान होता, तो मैं शायद इसका बहुत आनंद नहीं ले पाता.'
ये भी पढ़ें- Nora Fatehi Deepfake Video: नोरा फतेही हुईं डीपफेक का शिकार, एक्ट्रेस के उड़े होश