RRR को किसने बताया 'हिंसक हिंदू राष्ट्रवादी' फिल्म? फैंस ने लगाई इस शख्स की क्लास

अपने एक लेख में कहते हैं- 'मुझे इसके पीछे कोई कारण नहीं लगता कि हम ऐसी मनगढ़ंत कहानियों को सच माने और उन सब चीजों के लिए माफी मांगे जो कभी हुई ही नहीं. मैं ऐसा नहीं कह रहा कि हमें उन सब घटनाओं (जलियांवाला बाग) पर अफसोस नहीं है.'

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 21, 2022, 10:40 AM IST
  • 'RRR' एक हिसंक हिंदू राष्ट्रवाद वाली सिंथेटिक इमोशंस की फिल्म है
  • जल्द ही हिंदू राष्ट्रवाद, भारतीय संस्कृति और राजनीति को डॉमिनेट करेगा
RRR को किसने बताया 'हिंसक हिंदू राष्ट्रवादी' फिल्म? फैंस ने लगाई इस शख्स की क्लास

नई दिल्ली: एस.एस. राजामौली (SS Rajamouli) की 'RRR' भारतीय सिनेमा की सबसे चर्चित फिल्म है. हर कोई फिल्म के एक्शन, कहानी और इमोशंस की जमकर तारीफ कर रहा है. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर भी बढ़िया कमाई की. ब्रिटिश राज की निर्दयता को दिखाने वाली इस फिल्म ने भारतीयों का प्यार जमकर बटोरा. ऐसे में कैंम्ब्रिज यूनिवर्सिटी (Cambridge University) के एक प्रोफेसर रॉबर्ट टॉम्ब्स (Robert Tombs) ने फिल्म को लेकर एक लंबा चौड़ा लेख लिखा है. इसमें फिल्म की कहानी, उसमें दिखाए ब्रिटिश राज (British Empire) को लेकर उन्होंने फिल्म मेकर्स को लताड़ लगाई है.

ब्रिटिश को खूनी दरिंदों के रूप में दिखाना मूर्खतापूर्ण

रॉबर्ट ने अपने लेख में कहा कि 'ब्रिटेन की जगह अगर 20वीं सदी के नरभक्षी नाइजिरियन शासक और विधवाओं को जलाते हिंदू पॉलिटिशियंस को दिखाया जाता. तो फिल्म मेकर्स को रेसिस्ट करार दे दिया जाता. RRR में ब्रिटेन की निर्दयता को कुछ अलग ही इमोशनल एंगल दिया गया है जो 1920 की सच्चाई से बिलकुल मेल नहीं खाता.'

माफी मांगने से किया इनकार

रॉबर्ट ने जलियांवाला बाग हत्याकांड को भी अपने लेख में शामिल किया और कहा,

'मुझे नहीं लगता कि हम ऐसी मनगढ़ंत कहानियों को सच मानना चाहिए और उन सब चीजों के लिए माफी मांगनी चाहिए जो कभी हुई ही नहीं. मैं ऐसा नहीं कह रहा कि हमें उस घटना के लिए (जलियांवाला बाग हत्याकांड) अफसोस नहीं है.' 

हिसंक हिंदू राष्ट्रवादी फिल्म

रॉबर्ट ने मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि 'RRR एक हिसंक हिंदू राष्ट्रवाद को बढ़ावा देती है. ये कहना गलत नहीं होगा कि हिंदू राष्ट्रवाद बहुत जल्द भारतीय संस्कृति और राजनीति को डॉमिनेट कर लेगा. इसमें कोई दो राय नहीं इस हिंदू राष्ट्रवाद को मोदी सरकार ही हवा दे रही है. RRR 1920 में भारत पर ब्रिटिश के अत्याचारों को नहीं दिखाती बल्कि वर्तमान भारत में बढ़ रहे अत्याचारों को दर्शाती है. नेटफ्लिक्स को ऐसी फिल्म को प्रमोट करने पर शर्म आनी चाहिए.'

रॉबर्ट के इस लेख के बाद भारतीय ट्विटर पर जमकर उन्हें लताड़ रहे हैं. उन्हें यहां तक कहा गया कि उन्हें ब्रिटिश शासन की सच्चाई देखने के लिए 'सरदार उधम सिंह' जैसी फिल्में दिखाई जानी चाहिए.

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