नई दिल्ली: कहते हैं न कि किसी चीज को शिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात तुम्हें उससे मिलाने में लग जाती है, कुछ ऐसी ही कहानी है रेमो डिसूजा की. फिल्म मेकर व मशहूर कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा (Remo Dsouza) आज जिस मुकाम पर हैं उसका हर कोई सपना देखता है लेकिन उस सपने को पूरा करने के लिए जो मेहनत और शिद्दत लगती है उसे हर कोई नहीं कर सकता.
हिंदू धर्म छोड़ अपनाया ईसाई धर्म
2 अप्रैल 1974 को जामनगर की एयर फोर्स कॉलोनी के सर्वेंट क्वार्टर में जन्में रमेश गोपी नय्यर ने जो सपना देखा उसे पूरा कर दिखाया और वह हर किसी के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गया. लेकिन आगे चलकर रेमो ने अपना धर्म परिवर्तन कर ईसाई धर्म को अपना लिया और हमेशा के लिए रमेश गोपी से रेमो डिसूजा (Remo Dsouza Converted into christan) बन गए.
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किया आर्थिक स्थिति का सामना
रेमो के पिता एयर फोर्स में कुक की नौकरी करते थे और बस घर चलाने लायक ही कमा पाते थे. रेमो की पारिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि वह डांस क्लास भी नहीं ले सके. घरवालो की मदद के लिए रेमो बेकरी, राशन की दुकान और साइकिल रिपेयर की दुकान पर काम करते थे.
माइकल जैकसन हैं गुरु
रेमो को डांस बचपन से पसंद था लेकिन न घर पर टीवी थी और न कोई साधन जिससे वह डांस सीख सके. लेकिन आगे चलकर जब रेमो ने माइकल जैकसन का डांस देखा तो उन्होंने माइकल को अपना गुरु मान लिया और उनके डांस को फॉलो करने लगे. इस दौरान रेमो ने खुद के भी स्टेप बनाए और आंखों में सपना लिए मुंबई चले गए.
2600 रुपये लेकर निकले सपने पूरे करने
रेमो (Remo Dsouza Unknown facts)के दोस्त ने उन्हें एक विज्ञापन के बारे में बताया जिसमें कुछ एक्टर्स के लिए वेकेंसी की बात लिखी थी. जिसे देखकर रेमो ने इसके लिए अप्लाई किया और भेज दिया. रेमो को उनके लेटर का जवाब मिला और वह एक्टर बनने के लिए महज जेब में 2600 रुपये लिए सपनों के शहर की ओर रवाना हो गए.
मुंबई आते ही हुए ठगी का शिकार
वहां पहुंचकर रेमो (Remo Dsouza Details) से एक कंपनी ने काम के बदले पैसे जमा करने को कहा और पैसे लेकर फरार हो गया. इस तरह से ठगे जाने पर रेमो ने भी ठान लिया कि वह बिना अपना सपना पूरा किए मुंबई छोड़कर नहीं जाएंगे. काम की शुरुआत एक्टर ने डांस क्लास से की जिसके बाद दोस्तों के साथ फिल्मों में डांस के लिए ऑडिशन दिया.
सांवले रंग की वजह से हुए रिजेक्ट
रेमो (Remo Dsouza Struggle) का सेलेक्शन होने के बाद भी उन्हें कई बार सांवले कलर की वजह से फिल्मों से निकाल दिया गया. और आखिरकार रेमो का सिलेक्शन फिल्म रंगीला के पहले गाने 'आई रे आई रे' के लिए किया गया. इसके बाद रेमो को मशहूर कोरियोग्राफर अहमद के साथ काम करने का मौका मिला.
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आज बॉलीवुड के बेस्ट कोरियोग्राफर में शामिल
रेमो ने करीब 1 साल तक अहमद को असिस्ट किया और फिर अकेले काम ढूंढना शुरू कर दिया. सोनू निगम की पहली एल्बम 'दीवाना' को रेमो ने कोरियोग्राफ किया और इसकी जमकर तारीफ हुई. जिसके बाद रेमो ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और कई गानों को कोरियोग्राफ किया.
बाजीराव मस्तानी का गाना दीवानी मस्तानी के लिए रेमो (Remo Dsouza Awards) को नेशनल अवॉर्ड ऑफ कोरियोग्राफी से भी सम्मानित किया जा चुका है.
आज रेमो डांस रियलिटी शो में बतौर जज भी नजर आते हैं. यहां तक कि खुद का डांस शो डांस प्लस भी लेकर आते हैं. रेमो बतौर फिल्म निर्देशक भी काम कर रहे हैं.
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