नई दिल्ली: Mohammed Rafi Birth Anniversary: अपनी सुरीली आवाज से लोगों का दिल जीतने वाले मोहम्मद रफी का आज जन्मदिन होता. भले वह आज हमारे बीच न हो, लेकिन उनकेसदाबहार गाने आज भी लोगों की पहली पसंद हैं. रफी साहब ने प्रेम, दुख, सुख, देशभक्ति, भजन, बालगीत लगभग हर जॉनर के गाने गाए हैं.
जब मौलवियों के कहने पर रफी ने गाना गाना छोड़ा...
अपने करियर के पीक पर मोहम्मद रफी ने मौलवियों के कहने पर फिल्मों में गाना न गाने का फैसला कर लिया था. उनके हज करके वापस आने पर कुछ मौलवियों ने उनसे कहा कि अब आप हाजी हो गए हैं, इसलिए अब आपको गाना-बजाना सब बंद करना होगा. वह बातों में आ गए और उन्होंने गाना छोड़ दिया. लेकिन जैसे ही ये बात हिंदी सिनेमा में लोगों को पता चली तो हंगामा हो गया. फिर उन्हें काफी समझाने के बाद रफी सहाब ने फिर से गाना शुरू कर दिया. उन्होंने हिंदी में 26 हजार से ज्यादा गाने रिकॉर्ड किए.
बैजू बावरा के गाने का किस्सा...
रफी साहब का हर गाना अपने आप में बेहद खास है. सभी गानों के पीछे एक किस्सा जरूर छिपा होता था. हालांकि, एक ऐसा भी गाना था, जिसे गाते हुए उनके गले से खून बहने लगा था. इस किस्से का जिक्र म्यूजिक डायरेक्टर नौशाद की बायोग्राफी 'नौशादनामा: द लाइफ एंड म्यूजिक ऑफ नौशाद' में है. यह गाना फिल्म बैजू बवरा का था.
'ओ दुनिया के रखवाले'....
बैजू बवरा का गाना 'ओ दुनिया के रखवाले' लोगों को खूब पसंद आया था. लेकिन रफी सहाब ने इस गाने को बनाने में अपना खून तक बहाया है. कहते हैं यह गाना गाने में बेहद कठिन है. रफी सहाब इस गाने का घंटो रियाज करते थे. इस गाने के लिए उन्हें अपनी आवाज को काफी ऊंचे स्केल पर रखना पड़ता था. कहते हैं कि गाने की फाइनल रिकॉर्डिंग तक मोहम्मद रफी के गले से खून निकले लगा था. लेकिन उन्होंने कोई शिकायत तक नहीं की. इतना ही नहीं इस रिकॉर्डिंग के बाद वह कई दिनों तक गाना नहीं गा पाए थे.