नई दिल्ली:R Madhavan Birthday: तमिल से लेकर हिंदी सिनेमा में अपनी एक्टिंग का डंका बजाने वाले आर माधवन कई बेहतरीन फिल्मों में नजर आ चुके हैं. एक्टर ने बॉलीवुड में 'रहना है तेरे दिल में' फिल्म से कदम रखा था. इस फिल्म में उन्होंने मैडी का किरदार निभाया था, जो लोगों को काफी पसंद आया था. इसके बाद एक्टर 'तनु वेड्स मनु', 'रंग दे बसंती', 'ऑल इज वैल' जैसी कई सुपरहिट में नजर आए. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक्टर हमेशा से सेना में भर्ती होना चाहते थे.
जब कनाडा जाने का मिला मौका
जमशेदपुर में जन्में माधवन बचपन से ही पढ़ाई में अच्छे थे. एक्टर के पिता रंगनाथ अयंगर टाटा स्टील में एक मैनेजमेंट एग्जीक्यूटिव थे, वहीं मां सरोजा बैंक ऑफ इंडिया की मैनेजर थीं. माधवन के पिता चाहते थे कि वो इंजीनियर बन कर टाटा स्टील जमशेदपुर में ही एक अच्छी जॉब करके परिवार के साथ रहे, लेकिन मैथ्स और फिजिक्स कम मार्क्स होने के चलते उन्हें इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन नहीं मिल पाया था.
काफी मेहनत के बाद उन्हें कोल्हापुर के राजाराम इंजीनियरिंग कॉलेज में जैसे -तैसे एडमिशन मिल गया. इसके बाद एक्टर ने इतनी मेहनत करी कि 1988 में उन्हें स्टेटलर, अल्बर्ट, कनाडा में कल्चरल एम्बेसडर के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व करने की स्कॉलरशिप मिली और वे कनाडा में लगभग एक साल तक रहे थे.
करना चाहते थे आर्मी ज्वाइन
22 साल की उम्र में आर माधवन का सिलेक्शन महाराष्ट्र के टॉप 7 NCC कैडेट के रूप में हो गया था, जिसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें इंग्लैंड के टूर पर भेजा, जहां उन्होंने ब्रिटिश सेना, रॉयल नेवी और रॉयल एयर फोर्स में लंबी ट्रेनिंग ली थी. इसी दौरान एक्टर ने आर्मी में भर्ती होकर देश की सेवा करने का फैसला कर लिया था. हालांकि ऐसा हो नहीं पाया.
उम्र कम पड़ने के कारण नहीं हुई भर्ती
कहते हैं न किस्मत जो लिखा होता है, उससे ज्यादा और उससे कम किसी को नहीं मिलता है. माधवन के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. किस्मत में एक्टर बनना लिखा था, तो सेना में कैसे भर्ती होती.
माधवन की उम्र 6 महीने कम थी, जिस वजह से उनका सिलेक्शन सेना में नहीं हुआ. इसके बाद उन्होंने पब्लिक स्पीकिंग और पर्सनालिटी डेवलपमेंट कोर्स की ट्रेनिंग ली और 1992 में टोक्यो, जापान में यंग बिजनेस कॉन्फ्रेंस में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.
पाउडर के ऐड ने चमकाई किस्मत
कई दोस्तो के कहने के बाद माधवन ने अपना का एक पोर्टफोलियो बनाकर मॉडलिंग एजेंसी में जमा कर दिया. उन्होंने सोचा कि इससे थोड़ा और पैसा मिलेगा. इसके बाद 1996 में, उन्हें पाउडर के ऐड में काम करने का मौका मिला.
इस ऐड को संतोष शिवन ने डायरेक्ट किया था. इसके बाद शिवन ने मणि रत्नम को फिल्म इरुवर के लिए माधवन का स्क्रीन टेस्ट लेने के सजेस्ट किया था. कई ऑडिशन के बाद माधवन ने फिर मणिरत्नम की फिल्म से ही साउथ फिल्मों में डेब्यू किया था.
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