मुंबई: कंगना VS उद्धव सेना में नया मोड़ देखने को मिल रहा है. एक तरफ जहां कंगना के दफ्तर पर एक्शन को लेकर महा सेना को सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक में कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. वहीं अब कंगना के पड़ोस वाले बंगले को लेकर जो खुलासा हुआ है. उसने महाराष्ट्र सरकार की मंशा को कटघरे में खड़ा कर दिया है.
उद्धव'सेना' का दिखा डबल स्टैंडर्ड!
कंगना के दफ्तर पर बुलडोज़र चला, तो मायानगरी में उथल पुथल मच गई. महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पर बदले की कार्रवाई का इल्ज़ाम लग रहा है. लेकिन अब सिर्फ बदले की कार्रवाई नहीं बल्कि महा सेना के डबल स्टैंडर्ड भी देखने को मिल रहा है. एक तरफ कंगना के दफ्तर में अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने में महा सेना ने ऐसी फुर्ती दिखाई कि कोर्ट के आदेश भी अनदेखे कर दिए. वहीं दूसरी तरफ कंगना के पड़ोस में रहने वाले मनीष मल्होत्रा को अवैध निर्माण पर महज़ कारण बताओ नोटिस थमाया.
करण जौहर के दोस्त को दिए 7 दिन
इतना ही नहीं उस कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए भी 7 दिन का समय दिया. वहीं कंगना के मामले में BMC ने 8 तारीख को नोटिस चिपकाया और 9 तारीख को बिना देरी किए कंगना के आलिशान दफ्तर को मिट्टी में मिला दिया.
कंगना के दफ्तर पर 24 घंटे में कार्रवाई
अब सवाल उद्धव सेना से हो रहे हैं कि आखिर एक जगह पर दो अवैध निर्माणों को लेकर दो अलग-अलग रवैया क्यों रखा. एक के घर पर 24 घंटे में बुलडोज़र भी चला दिया. वहीं दूसरे को 7 दिन का समय दिया, कंगना के जिस पड़ोसी पर BMC की दरियादिली देखने को मिली है. वो बॉलीवुड के मशहूर डिज़ाइनर मनीष मल्होत्रा हैं.
मनीष करण जौहर के बेहद करीबी दोस्त है. ऐसे में कंगना पर वार करना और करण जौहर के दोस्त को बचाना. उद्धव सरकार का ये कदम गैंग्स ऑफ बॉलीवुड से सांठगांठ की तरफ इशारा कर रहा है. ऐसा सोशल मीडिया पर लाखों लोगों का कहना है.
कंगना पर अटैक! करण जौहर गैंग पर दया
पाली हिल में कंगना का दफ्तर बंगला नंबर 5 है. करण जौहर के दोस्त मनीष मल्होत्रा का बंगला नंबर 6 है. कंगना के साथ मनीष मल्होत्रा को भी अवैध निर्माण को लेकर नोटिस थमाया गया. BMC की तरफ से यह नोटिस एक ही दिन दिया गया. लेकिन कंगना के दफ्तर पर जहां 24 घंटे में ही डिमोलिशन की कार्रवाई कर दी गई. वहीं मनीष मल्होत्रा को बंगला नंबर 6 के लिए सिर्फ कारण बताओ नोटिस दिया गया.
इतना ही नहीं करण जौहर के दोस्त मनीष मल्होत्रा को जवाब देने के लिए 7 दिन का समय भी दिया गया. BMC के नोटिस के मुताबिक मनीष मल्होत्रा ने रिहायशी इमारत को व्यवसायिक इमारत में बदला. ग्राउंड फ्लोर पर अवैध तरीके से केबिन बनाया गया. बंगले की दूसरी मंजिल के टेरिस पर शेड बनाकर नियमों का उल्लंघन किया गया है. दोनों मामले एक जैसे हैं, लेकिन BMC का रवैय्या दोनों मामलों में एक दम अलग रहा.
अब महा सेना पर सवाल उठ रहे हैं कि जितनी जल्दबाज़ी कंगना के दफ्तर को तोड़ने में दिखाई गई. उतनी करण जौहर के दोस्त मनीष मल्होत्रा के घर पर कार्रवाई की जल्दबाज़ी क्यों नहीं दिखाई गई. कंगना के दफ्तर को अंदर बाहर पूरी तरह से तोड़ दिया गया. लेकिन करण जौहर के गैंग पर नर्मी बरती गई है. अब सोशल मीडिया पर भी कंगना के समर्थक महा सेना के इस डबल स्टैंडर्ड पर सवाल कर रहे हैं.
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