मुंबई: बेबाक अदाकारा कंगना रनौत (Kangana Ranaut) एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद से सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं. कंगना लगातार वीडियो और ट्वीट कर जरिए लोगों तक अपनी बातें रख रही है. इस बीच उन्हें कई लोगों का समर्थन मिला तो कई लोगों के निशाने पर भी कंगना रही. सबसे ज्यादा चर्चा में कंगना महाराष्ट्र सरकार के साथ चल रही अपने लड़ाई को है.
लेकिन इसी बीच कंगना (Kangana Ranaut) का गुस्सा कॉमेडियन कुणाल कामर (Kunal Kamra) पर निकला. कुणाल कामरा खबरों में बने रहने के लिए अकसर अजीबोगरीब पोस्ट और हरकतें करते रहते हैं.
बता दें कि कुणाल ल (Kunal Kamra) गातार कंगना की आलोचना करते दिख रहे हैं. कंगना ने हालही में एक ट्वीट किया था जिसमें उन्हें बॉलीवुड की आलोचना की थी. जिसके बाद कुणाल कामरा ने ट्वीट कर कंगना पर तंज कसते हुए उनकी तुलना भारतीय आध्यात्मिक गुरु सदगुरु से कर दी थी.
These fools are desperate to credit my struggles, intellect ,spiritual depth, guts, success and achievements to some powerful man, how it hurts their fragile egos and cotton balls to admit that I am my own person, leading my life on my own terms. DEAL WITH IT https://t.co/gSz5ftXZoc
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 16, 2020
जिसके बाद कंगना (Kangana Ranaut) ने कुणाल कामरा को लताड़ते हुए ट्वीट किया कि ये मूर्ख लोग मेरे संघर्ष, बौद्धिकता, आध्यात्मिक गहराई, हिम्मत, सफलता और उपलब्धियों का श्रेय किसी ताकतवार आदमी को देने के लिए बहुत बेताब हैं. मैं खुद अपने दम पर सफल हुई हूं और अपनी शर्तों पर जिंदगी जी रही हूं. यह इनके अहंकार को चोट पहुंचाता है. इसे स्वीकार करो.
In a democracy it is the duty of the constitution to protect a revolutionary voice. Here in this case you see two aspects of the glorious democracy ‘The protector’ and ‘ The protected’. You will never make it to any of them. Be someone who means something to this nation https://t.co/0ul1IUmDgV
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 16, 2020
यहीं तक यह बात नहीं रुकी इसके बाद फिर कुणाल कामरा (Kunal Kamra)ने ट्वीट कर लिखा कि मैं सोच रहा था कि तुम्हारी जैसी शक्तिशाली महिला को Y सुरक्षा की क्यों जरूरत पड़ी. जिस पर रिप्लाई करते हुए कंगना ने लिखा कि एक लोकतंत्र देश में यह संविधान का कर्तव्य है कि वह एक क्रांतिकारी को सुरक्षा दें. इस केस में आप लोकतंत्र के दो पहलू देखते हैं एक बचाव करने वाला और एक बचने वाला. तुम दोनों में से कुछ भी नहीं बन पाओगे. एक ऐसा इंसान बनों जो देश के लिए कुछ कर सके.