नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को संसद में कहा कि 'नए कश्मीर' की विधानसभा में पाक अधिकृत कश्मीर के विस्थापितों के लिए भी एक सीट रिजर्व होगी. दरअसल जम्मू कश्मीर को लेकर दो अहम विधेयकों जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक - 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक- 2023 पर संसद में चर्चा जारी है. इस बीच इन विधेयकों के प्रावधानों को लेकर अमित शाह ने ये बात कही है. अमित शाह ने यह भी कहा कि ये दोनों विधेयक जम्मू-कश्मीर में 70 वर्षों से प्रताड़ित लोगों को न्याय दिलाने का काम करेंगे.
विधेयक में क्या हैं प्रावधान?
शाह ने कहा कि इनमें से एक बिल उन लोगों के प्रतिनिधित्व की बात करता है जिन्होंने आतंक से प्रताड़ित होकर जम्मू-कश्मीर छोड़ा. एक बिल में दो जम्मू-कश्मीर के लोगो को नॉमिनेट करने का प्रावधान है जिसमें से एक महिला होगी. बता दें कि लोकसभा ने ‘जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023’ और ‘जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023’ पारित को मंजूरी दे दी है.
#WATCH | Union Home Minister Amit Shah speaks on The Jammu and Kashmir Reservation (Amendment) Bill, 2023 & The Jammu and Kashmir Reorganisation Bill, 2023
He says, "...During the 1994-2004 period, a total of 40,164 incidents of terrorism were registered. During the 2004-2014… pic.twitter.com/8xSKzHCWPW
— ANI (@ANI) December 6, 2023
अमित शाह ने कहा- 1994 से 2004 के दौरान राज्य में आतंकी गतिविधियों के कुल 40164 मामले दर्ज किए गए थे. 2004 से 2014 के वक्त में कुल 7217 आंतकी से संबंधित मामले हुए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार के दौरान 2014-203 के बीच कुल 2000 मामले दर्ज हुए और कुल मामलों में 70 फीसदी तक की कमी आई है. इसीलिए मैं सही था ये कहते हुए कि आतंक और अलगाववाद की जड़ कुछ और नहीं बल्कि आर्टिकल 370 था.
गत रॉय की टिप्पणी
इससे पहले जम्मू कश्मीर से जुड़े दो विधेयकों पर लोकसभा में चर्चा के दौरान टीएमसी के वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय की टिप्पणी पर भड़के अमित शाह ने उनसे सवाल पूछा कि 'एक देश में दो प्रधानमंत्री, दो संविधान और दो झंडे कैसे हो सकते हैं?' लोकसभा में मंगलवार को जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक - 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक- 2023 पर चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस की तरफ से बोलते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने यह टिप्पणी कर दी कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का स्लोगन 'एक प्रधान, एक विधान, एक निशान' पॉलिटिकल स्लोगन था.
ये भी पढ़ें- कौन है ये 'गदाधारी विधायक', जो जीतने के अगले दिन ही पूरे देश में Viral हो गया
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.