14 साल की लड़की का 19 वर्षीय युवक से मौलवी ने कराया निकाह, पुलिस ने लिया ये एक्शन

नए कानून के मुताबिक देश में 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के और लड़कियों की शादी बाल विवाह की श्रेणी में आती है. बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत दोषी को दो वर्ष तक के सश्रम कारावास अथवा एक लाख रुपये तक के जुर्माने या दोनों सजाओं का प्रावधान है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 16, 2022, 03:34 PM IST
  • नाबालिग लड़की का करवाया निकाह
  • मौलवी समेत छह लोगों पर मामला दर्ज
14 साल की लड़की का 19 वर्षीय युवक से मौलवी ने कराया निकाह, पुलिस ने लिया ये एक्शन

इंदौर: इंदौर में 14 साल की लड़की से 19 वर्षीय युवक के कथित तौर पर जबरिया बाल विवाह के साल भर बाद दूल्हे और मौलवी समेत छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. खजराना थाने के प्रभारी दिनेश वर्मा ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बाल विवाह चार जुलाई 2021 को हुआ था और तब दुल्हन की उम्र 14 साल तथा दूल्हे की उम्र 19 साल थी.

थाने के प्रभारी ने दी ये बड़ी जानकारी

उन्होंने बताया कि बुधवार को दर्ज प्राथमिकी में युवक पर शादी के बाद नाबालिग लड़की को उसके घर में बंधक बनाकर रखने और उसके साथ दुष्कर्म करने का भी आरोप है. दिनेश वर्मा ने बताया कि प्राथमिकी में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के उल्लंघन के आरोपियों में निकाह पढ़वाने वाला मौलवी, दूल्हे की मां और निकाह के तीन गवाह शामिल हैं.

लड़की की करवाई गई चिकित्सकीय जांच

उन्होंने बताया कि पुलिस ने बाल विवाह पीड़ित लड़की की एक अस्पताल में चिकित्सकीय जांच कराई है. प्रशासन के बाल विवाह निरोधक उड़नदस्ते के प्रभारी महेंद्र पाठक ने कहा, ‘‘ हमें शिकायत मिली थी कि दूल्हा पक्ष ने नाबालिग लड़की और उसके परिवार को डरा-धमकाकर इस जोड़े का जबरिया बाल विवाह कराया. बाल कल्याण समिति ने पीड़ित लड़की का बयान दर्ज किया है. हमने लड़की के बयान के आधार पर ही पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है.’’

निकाह का प्रमाणपत्र हुआ था जारी

उन्होंने यह भी बताया कि इंदौर जिले की एक धार्मिक संस्था ने मामले से जुड़े निकाह का प्रमाणपत्र जारी किया था और बाल विवाह के खुलासे के बाद इस दस्तावेज की जांच की जा रही है. गौरतलब है कि देश में 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के और 18 साल से कम आयु की लड़की की शादी बाल विवाह की श्रेणी में आती है जो कानूनन अपराध है. बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत दोषी को दो वर्ष तक के सश्रम कारावास अथवा एक लाख रुपये तक के जुर्माने या दोनों सजाओं का प्रावधान है.

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