नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर से जुड़े दो बिल सोमवार को राज्यसभा में ध्वनिमत के साथ पारित हो गए. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक-2023 और जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक पर अब संसद की मुहर लग गई. गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि आतंकवाद मुक्त एक नए कश्मीर की शुरुआत हो चुकी है.
चर्चा में हुआ कम हिंसा की घटनाओं का जिक्र
अमित शाह ने इस बिल पर चर्चा ने दौरान कहा-2004 से 2014 में जब कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी तब कश्मीर में 7,217 आतंकवादी घटनाएं हुई थीं. उसके बाद 2023 तक 2,197 आतंकवादी घटनाएं हुई. आतंकवाद की घटनाओं में 70 प्रतिशत की कमी आई है.
'अलगाववाद की भावना समाप्त होने से आतंकवाद समाप्त हो जाएगा'
शाह ने कहा-अब सरकार ने तय कर लिया है कि अगर पत्थर फेंकने का कोई मामला दर्ज है तो उस व्यक्ति के परिवार में किसी को नौकरी नहीं मिलेगी. जिसके परिवार के सदस्य पाकिस्तान में बैठकर आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं उसके परिवार में किसी को नौकरी नहीं मिलेगी. जेल के अंदर जैमर लगाकर सख्ती बरतने का काम किया गया है. अलगाववाद की भावना समाप्त होने से आतंकवाद समाप्त हो जाएगा.
वहीं उन्होंने कहा-एक चर्चा चल रही है कि जवाहर लाल नेहरू के कश्मीर को लेकर कंडक्ट पर हमारा नजरिया तंग है. जहां तक तंग नजरिए का सवाल है तो इस देश की एक इंच जमीन के लिए हमारा नजरिया तंग रहेगा, हम बड़ा दिल नहीं दिखा सकते हैं. किसी को अधिकार नहीं है कि अपने बड़े हृदय को दिखाने के लिए देश का एक बड़ा भूभाग चला जाए और वह मूकदर्शक बनकर खड़ा रहे. अगर देश की एक इंच जमीन भी जाती है कि अगर एक इंच भी जाती है तो बीजेपी का हर कार्यकर्ता पूरी ताकत से लड़ाई लड़ेगा.
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